केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने रक्षा लेखा महानियंत्रक के एकीकृत आर्थिक सलाहकार (आईएफए) के एक अधिकारी को वायुसेना केंद्र पर सीसीटीवी लगाने के आपूर्ति आदेश को मंजूरी देने के लिए कथित तौर पर 3.5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सीसीटीवी कंपनी के मालिक ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से संपर्क कर दावा किया कि एकीकृत वित्तीय सलाहकार (आईएफए), रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए), गांधीनगर (गुजरात) के लेखा परीक्षक/कार्मिक अशोक कुमार जादव और वायुसेना के एक हवलदार ने 2.5 करोड़ रुपये के कुल अनुबंध आदेश को मंजूरी देने के लिए चार लाख रुपये, यानी करीब 2 प्रतिशत की रिश्वत मांगी है।
पुणे के अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सत्यापन किया, लेकिन हवलदार ने फोन का जवाब नहीं दिया। उन्होंने बताया कि व्यवसायी द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्डिंग में उसकी भूमिका स्पष्ट थी।
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने सोमवार को एक जाल बिछाकर जाधव को 3.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘आरोपी को गिरफ्तार कर अहमदाबाद के विशेष न्यायाधीश से ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद पुणे के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया और उसे चार अक्टूबर, 2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।