उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि अलग-अलग विभागों द्वारा अलग-अलग कार्य करने से योजनाओं में अनावश्यक देरी होती है, इसलिए सभी विभागों को मिलकर साझा कार्ययोजना बनानी चाहिए तथा उसका समयबद्ध ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक में शहरों के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि विकास कार्य नियोजित और समन्वित तरीके से किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने बिना मानक और नगर निकायों की अनुमति के विकसित की जा रहीं कॉलोनियों और बस्तियों पर प्रारंभिक स्तर पर ही रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए।
योगी ने नगर विकास से जुड़ी सभी योजनाओं की नियमित निगरानी पर बल देते हुए कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मलिन बस्तियों के विकास पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां साफ-सफाई, पेयजल आपूर्ति, जल निकासी, सड़क संपर्क, कूड़ा संग्रहण और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
उन्होंने कहा कि जल निकासी व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। प्रत्येक शहर में ऐसी नालियों की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे भारी वर्षा के बाद जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जल निकासी व्यवस्था में सुधार और नई व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी की जाए, ताकि नागरिकों को बारिश के समय किसी प्रकार की असुविधा न हो।
‘स्मार्ट सिटी’ के विकास को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इसकी योजनाएं इस प्रकार तैयार की जाएं, जिससे शहर का समग्र विकास हो और साथ ही राजस्व वृद्धि भी सुनिश्चित की जा सके।