जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मुख्य आरक्षी को एक विचाराधीन कैदी से जनसुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज करने की धमकी देकर रिश्वत लेने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के प्रवक्ता ने बताया कि माहौर थाने में तैनात मुख्य आरक्षी महरूफ अहमद को स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में आठ हजार रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकर करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
शिकायत में पीड़ित (विचाराधीन कैदी) ने आरोप लगाया कि एक मामले में हिरासत में लिए जाने के बाद स्थानीय अदालत ने उसे 25 सितंबर को इस शर्त पर जमानत दे दी थी कि वह रोजाना सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच माहौर पुलिस थाने में हाजिरी लगाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि हालांकि, इस दौरान अहमद ने शिकायतकर्ता को परेशान किया, उसे निर्धारित समय से अधिक समय तक पुलिस थाने में रखा और रिहाई के लिए आठ हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
उन्होंने बताया कि रिश्वत एक अक्टूबर को थाने के अंदर दी गई।
प्रवक्ता के अनुसार, दो दिन बाद आरोपी पुलिसकर्मी ने शिकायतकर्ता और उसके सहयोगी को फिर धमकाया और उनका ट्रैक्टर छुड़ाने व समय पर रिहाई देने के लिए 12 हजार रुपये और मांगे।
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘अहमद ने धमकी दी कि रकम नहीं देने पर कैदी के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। बाद में यह रकम घटाकर आठ हजार रुपये कर दी गई।’’
प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने और भुगतान से इनकार करते हुए एसीबी से संपर्क किया। शिकायत की जांच के बाद संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी मुख्य आरक्षी को जाल बिछाकर गिरफ्तार कर लिया गया।