Monday, October 6, 2025
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Cuttack Clashes: ओडिशा का कटक रणक्षेत्र बना, सांप्रदायिक तनाव के बाद 13 थानों में धारा 144, इंटरनेट ठप

ओडिशा के कटक में रविवार को एक समूह द्वारा आयोजित बाइक रैली को पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के बाद नए सिरे से सांप्रदायिक तनाव और हिंसक झड़पें हुईं। झड़पें बढ़ती गईं, जिसके परिणामस्वरूप पथराव, आगजनी और पुलिस की कार्रवाई हुई, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 25 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने आगे की अशांति को रोकने के लिए 36 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कटक में संभावित सांप्रदायिक तनाव के कारण एक बाइक रैली की अनुमति नहीं दी गई, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के साथ झड़प हुई और आठ अधिकारी घायल हो गए। बल प्रयोग करके समूह को तितर-बितर किया गया। इस घटना में आठ पुलिसकर्मियों सहित कुल 25 लोग घायल हुए हैं। इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई हैं। 36 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया गया है।

कटक में ताजा हिंसा, 13 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू 

ओडिशा सरकार ने रविवार रात कटक में ताजा हिंसा की घटनाओं के बाद 13 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं। यह कदम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हाल ही में हुई गुटीय झड़प के बाद उठाया गया, जिसमें 25 लोग घायल हो गए थे।
पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह ने कहा कि ये आदेश रविवार रात 10 बजे से 36 घंटे तक प्रभावी रहेंगे।
उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा दरगाह बाजार, मंगलाबाग, छावनी, पुरीघाट, लालबाग, बिदानासी, मरकट नगर, सीडीए फेज-2, मालगोदाम, बादामबाड़ी, जगतपुर, बयालीस मौजा और सदर थाना क्षेत्रों में लागू रहेगी।

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राज्य सरकार ने मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए कटक नगर निगम, कटक विकास प्राधिकरण (सीडीए) और आसपास के 42 मौजा क्षेत्र में रविवार शाम सात बजे से सोमवार शाम सात बजे तक इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि हिंसा की यह ताज़ा घटना विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा शाम को ज़िला प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए मोटरसाइकिल रैली आयोजित करने के बाद हुई। सिंह ने कहा कि रैली में शामिल लोग उस समय हिंसक हो गए जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका।

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उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि रैली में शामिल लोगों का प्रवेश संवेदनशील इलाके में अशांति फैलाने के उद्देश्य से था, इसलिए पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस तथा रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों सहित 25 लोग घायल हुए हैं।
सिंह ने यह भी बताया कि शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को हुए सामूहिक संघर्ष में चार लोग और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। चार घायलों में से तीन को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

स्थानीय लोगों ने जुलूस में बज रहे तेज संगीत पर आपत्ति जताई

पुलिस के अनुसार, दरगाहबाजार क्षेत्र के हाथी पोखरी के पास विसर्जन जुलूस के कथाजोड़ी नदी के किनारे देवीगढ़ की ओर जाने के दौरान रात डेढ़ बजे से दो बजे के बीच झड़पें हुईं।
अधिकारियों ने बताया कि हिंसा तब भड़की जब कुछ स्थानीय लोगों ने जुलूस में बज रहे तेज संगीत पर आपत्ति जताई। बहस जल्द ही टकराव में बदल गई, जब भीड़ ने छतों से पत्थर और कांच की बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं, जिससे कटक के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) खिलारी ऋषिकेश ज्ञानदेव समेत कई लोग घायल हो गए।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। झड़प के दौरान कई वाहन और सड़क किनारे लगे ठेले भी क्षतिग्रस्त हुए।
विसर्जन का कार्यक्रम लगभग तीन घंटे के लिए रोक दिया गया, क्योंकि पूजा समिति के सदस्यों ने झड़प में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
भारी सुरक्षा के बीच विसर्जन का कार्यक्रम फिर से शुरू हुआ और रविवार सुबह साढ़े नौ बजे तक शेष सभी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

 छह लोग गिरफ्तार 


पुलिस के अनुसार, अब तक छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं और सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन से लिये गये दृश्यों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।
विहिप के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बार-बार अनुरोधों के बावजूद प्रशासन शांतिपूर्ण विसर्जन सुनिश्चित करने में विफल रहा।’’

 सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का प्रयास


बीजू जनता दल (बीजद) ने ‘‘असामाजिक तत्वों’’ को दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का प्रयास किया। वहीं मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और अधिकारियों को घायल लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू किए गए हैं।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

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