भिखारिस्तान मतलब कि पाकिस्तान और उसके कटोरे की दास्तांन तो पूरी दुनिया में चलती आ रही है। कभी आईएमएफ तो कभी वर्ल्ड बैंक, कभी चीन तो कभी अमेरिका के सामने पाकिस्तान का कटोरा पेश होता ही रहा है। दुनिया में कटोरा डिप्लोमैसी करने वाला पाकिस्तान इस कदम भिखमंगा बन चुका है कि उसकी सच्चाई अब आवाम के साथ साथ खुद शहबाज के रिश्तेदार भी दुनिया को बता रहे हैं। पूरी दुनिया जो खुली जुबां में कहती है वो अब उसके हुक्मरान भी मानने लगे हैं। दरअसल, मरियम नवाज शरीफ ने कुछ ऐसा ही कबूलनामा हाल ही में किया, जिसमें उन्होंने भिखारिस्तान की पूरी सच्चाई खुद ही दुनिया के सामने खोल कर रख दी।
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मरियम नवाज पाकिस्तान में स्टेज पर खड़े होकर खुद मान रही हैं कि कैसे पाकिस्तान की इज्जत पूरी दुनिया में दो कौड़ी की भी नहीं रही है। कैसे पाकिस्तान दुनिया में सिर्फ कटोरा लेकर खड़ा है। मरियम नवाज फैसलाबाद में स्टेज पर खड़ी होकर झोली फैलाकर दिखा रही हैं। पाकिस्तान की असलियत न सिर्फ फैसलाबाद बल्कि पूरी दुनिया को बता रही हैं। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आज जो भी काम कर रहा है वो भीख की बदौलत है। वहां के हुक्मरान जहां जाते हैं, भीख मांगने लगते हैं। आईएमएफ से लोन लेकर जो देश चलाया जा रहा है। यहां तक की उसकी डिप्लोमैसी को भी कटौरा डिप्लोमैसी ही कहा जाता है। ये बात आवाम भी अच्छे से जानती है।
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एक रैली में मरियम ने कहा कि कुछ लोग बाढ़ पर सियासत कर रहे हैं। बाढ़ से पंजाब परेशान है और हम इसे दुरुस्त करने में लगे हैं, लेकिन कुछ लोग उंगली उठा रहे हैं। मुझ पर अगर कोई निजी हमला करना चाहता है तो कर लें, लेकिन बाढ़ पर सवाल उठाया तो उंगली तोड़ दूंगी। नेशनल असेंबली में मरियम नवाज के बयान पर बवाल मच गया है। पीपीपी के सांसदों ने मरियम से तुरंत माफी मांगने के लिए कहा है। असेंबली में पीपीपी के सांसदों का कहना है कि मुद्दों की राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं है।
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पाकिस्तान के हुक्मरानों यानी शहबाज एंड कंपनी ने पाकिस्तानियों को किसी लायक नहीं छोड़ा है। पाकिस्तान पर कुल जीडीपी का 42 % कर्ज है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 15 अरब डॉलर है। पाकिस्तान में गरीबी दर 40 फीसदी पहुंच चुकी है। पाकिस्तान में महंगाई दर 24 फीसदी तक पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के 80 % लोगों को पौष्टिक आहार तक नसीब नहीं होता है। सोचिए ऐसे हालात में अब पाकिस्तानी भीख नहीं मांगेंगे तो भला क्या करेंगे?