सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया। वकील निज़ाम पाशा द्वारा दायर याचिका में सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो को लेकर चिंता जताई गई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर कोई खास राजनीतिक दल सत्ता में नहीं आता है, तो एक खास समुदाय शासन संभाल लेगा। पाशा ने अदालत को बताया कि वीडियो में दाढ़ी वाले पुरुष दिखाई दे रहे हैं, जिससे सांप्रदायिक निशाना साधा जा रहा है।
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आवेदन के अनुसार, संबंधित वीडियो भाजपा की असम इकाई द्वारा 15 सितंबर, 2025 को एक्स पर पोस्ट किया गया था। इसमें कथित तौर पर एक “बेहद गलत कहानी” दिखाई गई है, जिसमें कहा गया है कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में नहीं रहती है तो असम पर मुसलमानों का कब्जा हो जाएगा। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में कहा गया है, वीडियो में साफ़ तौर पर मुस्लिम लोग (टोपी और बुर्का पहने) चाय बागानों, गुवाहाटी हवाई अड्डे, गुवाहाटी एकोलैंड, असम रंगघर, गुवाहाटी स्टेडियम, रंगघर और गुवाहाटी शहर पर कब्ज़ा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में आगे दिखाया गया है कि असम में अवैध रूप से मुस्लिम प्रवासी आ रहे हैं; मुस्लिम सरकारी ज़मीन हड़प रहे हैं; और अंत में राज्य में 90% मुस्लिम आबादी है।
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पाशा ने पीठ को यह भी बताया कि याचिकाकर्ता इस मामले में भाजपा को प्रतिवादी बनाना चाहता है। याचिका में वीडियो प्रसारित करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने या अवमानना कार्यवाही की मांग की गई है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र, असम सरकार और एक्स को नोटिस जारी कर मामले पर जवाब मांगा है।