इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम को लेकर वार्ता चल रही है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही जंग पर ब्रेक लग जाएगा। लेकिन इन अटकलों के बीच गाजा में एक बार फिर गोलियों और बमों की आवाज गूंज उठी है। अल कसाम ब्रिगेड ने दावा किया है कि उन्होंने एक इजरायली मर्कवा टैंक को विस्फोटक से उड़ा दिया है। ये बड़ा हमला गाजा सिटी के पास किया गया है, जहां इजरायली टुकड़ियां तैनात थी। इस हमले के बीच अल कस्साम ब्रिगेड का एक बयान भी सामने आया है। जिसमें कहा गया है कि हमारे लड़ाके दुश्मन के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। गाज़ा की ज़मीन पर कोई भी कब्ज़ा मंजूर नहीं है। इसी बीच सराय अल कुद्दस ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने आईडीएफ के कमांड सेंटर पर रॉकेट से हमला किया है। इजरायली सेना का दावा है कि उन्होंने अधिकतर रॉकेट को इंटरसेप्ट कर लिया। लेकिन कुछ रॉकेट गाजा सीमा के पास गिरे हैं।
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शर्म अल-शेख में युद्धविराम वार्ता शुरू होते ही गाजा में उग्रवादी समूहों ने इज़राइली सैन्य ठिकानों पर नए हमले शुरू कर दिए। अल-क़स्साम ब्रिगेड ने दावा किया कि उन्होंने गाजा शहर के पास शुआथ विस्फोटक से एक मर्कवा टैंक पर हमला किया, जबकि सराय अल-कुद्स ने कहा कि उन्होंने एक आईडीएफ कमांड सेंटर पर बमबारी की। ये हमले राष्ट्रपति ट्रंप की उस चेतावनी के बावजूद हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर हमास ने उनकी 20-सूत्री युद्धविराम योजना का विरोध किया तो “पूरी तरह से तबाह” कर दिया जाएगा।
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने संकल्प लिया है कि जब तक सभी बंधक वापस नहीं आ जाते, इजरायल गाजा समझौते के बाकी हिस्सों पर कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यरूशलम में एक बैठक में ये बातें कहीं। गाजा में शहीद सैनिक परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले दक्षिणपंथी ग्वुरा फोरम के सदस्यों से बातचीत में नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा युद्धविराम योजना का कोई भी अन्य पहलू तब तक आगे नहीं बढ़ेगा जब तक कि सभी बंधकों की रिहाई नहीं हो जाती। उधर, इजरायली सैनिकों ने दक्षिणी गाजा शहर में स्थित जॉर्डन अस्पताल से सटी एक सुरंग का पता लगाया है। यह 1.5 किलोमीटर लंबा है। इस्राइल का दावा है कि इस सुरंग का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए भूमिगत कार्यशाला तक जाने के लिए किया जाता था। इजरायल का दावा है कि हमास अस्पताल परिसरों में मानवीय सुविधाओं का सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करता है।