राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि ध्रुवीकरण के मौजूदा माहौल में कांग्रेस को और मज़बूत होने की ज़रूरत है क्योंकि यही एकमात्र पार्टी है जो देश को अखंड रख सकती है।
गहलोत अपने पूर्व सहयोगी भरत सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोटा आए थे। शाम को वह पत्रकारों से बातचीत करने के लिए सर्किट हाउस में कुछ देर रूके थे।
गहलोत ने कहा, ‘‘देशहित में कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। खासकर यहां जो हालात बन गए हैं, जिस तरह से ध्रुवीकरण हो रहा है और जिस तरह से तनाव व्याप्त है। ये सभी अच्छे संकेत नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में केवल कांग्रेस ही देश को अखंड रख सकती है और एकता के सूत्र में बांध सकती है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर का सोमवार रात जयपुर के एसएमएस अस्पताल में निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। मिली जानकारी के अनुसार, लंबे समय से अस्वस्थ कुंदनपुर को पहले कोटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को कोटा जिले के उनके पैतृक गांव कुंदनपुर में किया जाएगा। चार बार विधायक रहे कुंदनपुर अपने मुखर स्वभाव के लिए जाने जाते थे। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहते थे। कुंदनपुर अक्सर अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ बोलने के लिए भी सुर्खियों में रहते थे।
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कांग्रेस की पिछली सरकार (2018-2023) के दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से तत्कालीन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भ्रष्टाचार और खनन गतिविधियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था और विरोध स्वरूप अपना सिर मुंडवा लिया था। उन्होंने कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ तत्कालीन मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखे थे। वह 2008-13 के दौरान अशोक गहलोत सरकार में पंचायती राज मंत्री थे। रोचक बात यह है कि पूर्व मंत्री होने के बावजूद उन्होंने ग्राम पंचायत चुनाव लड़ा और कोटा की कुंदनपुर ग्राम पंचायत से वार्ड पंच बने।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेताओं ने कुंदनपुर के निधन पर शोक व्यक्त किया। गहलोत ने कहा, रत सिंह कुंदनपुर राजनीति एवं जनसेवा में बेबाकी एवं ईमानदारी की मिसाल थे। वो हाड़ौती क्षेत्र के कद्दावर नेता थे। मेरे उनके परिवार से संबंध उनके पिताजी के समय से थे जब मैं उनके साथ लोकसभा सांसद बना था।
पत्रकारों से बात करते हुए, गहलोत ने कहा कि वि प्रतिबद्ध, ईमानदार और स्पष्टवादी थे। उन्होंने कहा, वह स्पष्टवादी थे और वह जब विधानसभा का चुनाव नहीं जीते तो ग्राम पंचायत में पंच बन गए! कहने का मतलब उनकी प्रतिबद्धता पंचायती राज के प्रति थी। इस प्रकार से व्यक्ति कोई सरपंच या पंच बन सकता है जबकि वह मंत्री रहा हो ?इस प्रकार से वह अलग व्यक्तित्व रखते थे अपना।’’ उन्होंने कहा कि कुंदनपुर के निधन से कांग्रेस पार्टी को क्षति हुई है, ‘‘और मुझे तो व्यक्तिगत रूप से बहुत आघात लगा है। पूरे हाड़ौती के लिए आवाज उठाने वाला कर्मठ व्यक्ति चला गया है।’’ विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सहित अन्य नेताओं ने भी कुंदनपुर के निधन शोक व्यक्त किया।