बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने आखिरकार जिम उपकरण निर्माता जेराई फिटनेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ अपनी कानूनी लड़ाई खत्म कर दी है। उनके फिटनेस ब्रांड बीइंग स्ट्रॉन्ग से जुड़े 7.24 करोड़ रुपये के भुगतान विवाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद अभिनेता ने कथित तौर पर अपनी दिवालिया याचिका वापस ले ली है। सलमान खान के वकील ने एनसीएलएटी के समक्ष कहा कि सहमति की शर्तों के अनुसार डिमांड ड्राफ्ट उन्हें सौंप दिया गया है और उन्होंने अपील वापस लेने की अनुमति देने का आग्रह किया।
चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य (तकनीकी) अरुण बरोका की दो सदस्यीय पीठ ने सलमान खान और जेराई फिटनेस के बीच हस्ताक्षरित सहमति की शर्तों को रिकॉर्ड में लिया और बॉलीवुड अभिनेता को अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दे दी।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अपीलकर्ता (सलमान खान) को अपील वापस लेने की अनुमति है। अपील वापस ली गई मानते हुए खारिज की जाती है।’’
यह विवाद जेराई फिटनेस के सहयोग से सलमान खान द्वारा स्थापित फिटनेस उपकरण ब्रांड ‘बीइंग स्ट्रॉन्ग’ से संबंधित था।
इससे पहले, मई में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने जेराई फिटनेस के खिलाफ उनकी दिवाला याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद सलमान खान ने अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी का रुख किया था।
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याचिका खारिज करते हुए, एनसीएलटी ने कहा था कि दावा विवादित प्रकृति का है और ‘वसूली कार्यवाही के दायरे में’ है।
एनसीएलटी ने 30 मई, 2025 को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘कॉरपोरेट देनदार पर जीएसटी सहित 1,63,76,682 रुपये का कर्ज बकाया है और उक्त राशि लौटाने में चूक की गयी है और इस याचिका में दावा किया गया शेष ऋण निर्विवाद ऋण नहीं कहा जा सकता।’’
खान के पास ‘बीइंग स्ट्रॉन्ग’ ट्रेडमार्क है और उनके पास लाइसेंस देने और उसका उपयोग करने का विशेष अधिकार है। उन्होंने अक्टूबर, 2018 में एक व्यापार लाइसेंस समझौता किया था।
जेराई फिटनेस के विनिर्मित उत्पादों पर ‘बीइंग स्ट्रॉन्ग’ ट्रेडमार्क के उपयोग का लाइसेंस प्रदान किया गया था।
इसके बाद, व्यवसाय में रुकावटों और कोविड-19 महामारी की शुरुआत के कारण, कॉरपोरेट देनदार के अनुरोध पर, बॉलीवुड अभिनेता ने पहले समझौते की शुरुआत से 31 मार्च, 2023 तक उन्हें देय रॉयल्टी को संशोधित करने पर सहमति व्यक्त की।
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हालांकि, खान के अनुसार, कॉरपोरेट देनदार के भुगतान करने में विफल रहने के बाद, उन्होंने 14 सितंबर, 2024 को एक नोटिस भेजा। इसमें 24 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित 7.24 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग की गई और बाद में भुगतान न करने का दावा करते हुए एनसीएलटी का रुख किया।
जेराई फिटनेस ने तर्क दिया कि पक्षों के बीच पहले से ही एक विवाद था और उसने एक्स-टेंड सीरीज और प्रोटॉन सीरीज नामक उत्पादों की एक श्रेणी को पेश करने के लिए आवश्यक उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण धन का निवेश किया था।
एनसीएलटी ने पाया कि जेराई फिटनेस को ‘बीइंग स्ट्रॉन्ग’ ट्रेडमार्क के तहत उत्पादों का विनिर्माण, विपणन, वितरण और बिक्री करने और ट्रेडमार्क का उपयोग करके प्रचार सामग्री बनाने का अधिकार है।
हालांकि, इन धाराओं के अनुसार, उत्पादों के विनिर्माण, प्रचार, विपणन और वितरण से संबंधित सभी बड़े और महत्वपूर्ण निर्णयों की पूर्व सूचना याचिकाकर्ता को दी जानी थी और ऐसे निर्णय याचिकाकर्ता की ओर से अलवीरा अग्निहोत्री या उनके अधिकृत व्यक्ति द्वारा लिए जाने थे।
एनसीएलटी ने पाया कि जेराई फिटनेस को ट्रेडमार्क के तहत ऐसे किसी भी उत्पाद के वितरण पर प्रतिबंध है जो विशेष रूप से पूर्व-अनुमोदित न हों।