केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा पर देश के फोकस पर ज़ोर दिया और एक मज़बूत व समावेशी स्वास्थ्य सेवा भविष्य की ओर भारत की यात्रा पर अपने विचार साझा किए। फिक्की हील 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि 2017 में हस्ताक्षरित स्वास्थ्य नीतियों के माध्यम से देश का उद्देश्य निवारक स्वास्थ्य सेवा और शीघ्र पहचान को बढ़ावा देना है।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने 1998 से प्रतीक्षा के बाद 2017 में एक नई स्वास्थ्य नीति विकसित की, जब इसे अंतिम बार विकसित किया गया था। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस स्वास्थ्य नीति पर केवल निर्माण भवन में निर्णय या चर्चा नहीं की गई, बल्कि इसमें सभी हितधारकों को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि 2017 में, हमने सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद एक नई स्वास्थ्य नीति विकसित की। इससे जो बदलाव आया है वह यह है कि अब हम निवारक स्वास्थ्य सेवा और शीघ्र पहचान के बारे में सोचते हैं। जब हम सुलभ स्वास्थ्य सेवा की बात करते हैं, तो हमने समान, सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवा के लिए 1.7 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित करके स्वास्थ्य सेवा के आधार का विस्तार किया है।
देश में चिकित्सा योजनाओं के बारे में विस्तार से बोलते हुए, मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि आयुष्मान भारत योजना दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कवरेज कार्यक्रम बन गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कवरेज कार्यक्रम, जिसमें 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य कवर के साथ 62 करोड़ से अधिक लोग शामिल हैं और अब इसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं।
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अन्य योजनाओं की उपलब्धता पर ज़ोर देते हुए, नड्डा ने कहा कि जन औषधि योजना ने भी लोगों के लिए दवाइयाँ सस्ती कर दी हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश ने चिकित्सा बुनियादी ढाँचे में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास अब जन औषधि जैसी पहल भी हैं जो देश के लोगों को सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराती हैं…देश ने आज चिकित्सा बुनियादी ढाँचे में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है। नड्डा ने कहा कि अपर्याप्त व्यय देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के सामने आने वाली समस्याओं में से एक है।