बड़े बेआरबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले। बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले। आसिम मुनीर के अरमान इस कदम एक झटके में टूट जाएंगे। शहबाज की साजिशों के आगे बिखर जाएंगे। इसका अंदाजा तो पाकिस्तान में किसी को भी नहीं होगा। क्या शहबाज शरीफ सपने में भी आसिम मुनीर को तमाचा जड़ सकते हैं। लेकिन शहबाज शरीफ ने आसिम मुनीर को तमाचा जड़ दिया है। ये वही आसिम मुनीर हैं जिसे शहबाज शरीफ ने फील्ड मार्शल बनाया। अपने हाथों से वर्दी पर मेडल लगाया। इतना ही नहीं खुद को पीछे रखकर शहबाज ने आसिम मुनीर को ही पाकिस्तान का मुस्तकबिल बताया। बस फिर क्या था मुनीर खुद को तीस मार खां समझने लगा। पाकिस्तान में बढ़ते रसूख और दबदबे को हकीकत मानने लगा। और तो और खुद राष्ट्रपति बनने का भी ख्वाब देखने लगा। लेकिन शहबाज ने पर्दे के पीछे ऐसा गेम खेला कि आसिम मुनीर के अरमान चूड़ चूड़ हो गए।
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ के सलाहकार सनाउल्लाह ख़ान ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल असीम मुनीर के बारे में एक अहम दावा किया है। पाकिस्तान के समा टीवी को दिए एक इंटरव्यू में सनाउल्लाह ने कहा कि मुनीर सेवानिवृत्ति के बाद सीधे घर लौट जाएँगे और न तो प्रधानमंत्री आवास और न ही राष्ट्रपति भवन उनका ठिकाना होगा। उनकी यह टिप्पणी मुनीर की किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पर पानी फेरती प्रतीत होती है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अक्सर मुनीर पर प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने की आकांक्षा रखने का आरोप लगाते रहे हैं। हालाँकि, सनाउल्लाह ने स्पष्ट किया कि “सेना प्रमुख का कोई निजी एजेंडा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि दोनों पार्टियाँ दुश्मन नहीं हैं। पीपीपी के साथ कोई समस्या नहीं है। दोनों पार्टियाँ कई बार साथ काम कर चुकी हैं। जहाँ एक पार्टी के मन में कुछ दुश्मनी है, वहीं पीएमएल-एन इसका जवाब नहीं देना चाहती।
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सनाउल्लाह ने बिलावल भुट्टो को भी संबोधित करते हुए कहा कि पीपीपी नेता को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, भले ही कुछ लोग उन्हें गलत मानते हों। उन्होंने कहा कि बिलावल ने बाढ़ पीड़ितों के बारे में बात की थी, जिसे पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने स्वीकार नहीं किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पीएमएल-एन का पीपीपी के शत्रुतापूर्ण रवैये का जवाब देने का कोई इरादा नहीं है। सनाउल्लाह ने कहा, “मुख्यमंत्री मरियम को पंजाब के मामलों पर टिप्पणी करने का अधिकार है। वह उस्मान बुज़दार नहीं हैं।
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सनाउल्लाह ने याद दिलाया कि पीएमएल-एन अध्यक्ष नवाज़ शरीफ़ ने चुनावों से पहले गठबंधन सरकार का नेतृत्व न करने का फ़ैसला किया था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ नवाज़ शरीफ़ की सहमति से इस पद पर आसीन होंगे… अगर नवाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्हें किसी सिफ़ारिश की ज़रूरत नहीं है।” सनाउल्लाह ने मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व से भी एकजुट होकर बातचीत के ज़रिए अपने मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि “राजनीतिक मामलों में उनकी तरफ़ से कोई दखलअंदाज़ी नहीं होगी।