तमिलनाडु की एक फार्मा कंपनी स्रेसन फ़ार्मास्यूटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश में खांसी की दवाई ‘कोल्ड्रिफ’ से हुई 21 बच्चों की मौत के मामले में हुई है। जांच में पाया गया कि इस सिरप में डाईइथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक अत्यंत जहरीला केमिकल खतरनाक मात्रा में मौजूद था, जिसने बच्चों के गुर्दे को नुकसान पहुंचाया और उनकी जान ले ली।
यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से शुरू हुआ था, जहां कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई। बाद में बेतूल और पांढुर्णा में भी इसी तरह के मामले सामने आए, जिससे मरने वालों की संख्या 21 तक पहुंच गई। 5 की हालत अब भी गंभीर है।
जी. रंगनाथन इस घटना के सामने आने के बाद से फरार थे। मध्य प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने चेन्नई पुलिस की मदद से उनकी आधी रात में गिरफ्तारी की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, SIT ने चेन्नई पुलिस के साथ मिलकर बैंक ट्रांजैक्शन और वाहन मूवमेंट ट्रैक किए और रात करीब 1:30 बजे रंगनाथन को दबोच लिया।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने कारखाने से कई अहम दस्तावेज, दवा के सैंपल और उत्पादन रिकॉर्ड जब्त किए हैं। यह फैक्ट्री कांचीपुरम जिले में स्थित है और पिछले कुछ वर्षों में कई बार नियमों के उल्लंघन में पकड़ी जा चुकी थी। जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी का लाइसेंस पहले ही रद्द किए जाने की प्रक्रिया में था, लेकिन इसके बावजूद प्रोडक्सन जारी था।
ICMR और राज्य स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6 प्रतिशत डाईइथिलीन ग्लाइकोल पाया गया, जो मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है और दवा में इसकी कोई अनुमति नहीं होती। यही रसायन बच्चों की मौत का प्रमुख कारण बना।
घटना के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। केंद्र और राज्य सरकारों ने सभी राज्यों को चेतावनी जारी करते हुए चार साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का खांसी का सिरप देने से बचने की सलाह दी है। स्रेसन फ़ार्मास्यूटिकल्स के उत्पादों की जांच देशभर में शुरू कर दी गई है।
राजनीतिक स्तर पर भी यह मामला गरमा गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस घटना को “प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा” बताते हुए कहा कि अब समय है सिस्टम में व्यापक सुधार लाने का ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
इधर, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें इस पूरी घटना की CBI जांच न्यायिक निगरानी में कराने की मांग की गई है। कोर्ट जल्द ही इस पर सुनवाई करेगा।