दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप पर बंगाल में काफी ज्यादा कोहराम मचा हुआ है। सामूहिक बलात्कार मामले पर राजनीति रूप से सरकार की घेरा बंदी भी चल रही है। अब तक इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं नेता भी इस मामले पर अपनी बयानबाजी को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ कथित तौर पर हुई सामूहिक बलात्कार की घटना पर टिप्पणी करते हुए सोमवार को कहा कि पुलिस हर जगह मौजूद नहीं हो सकती, ऐसे में महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। इससे एक दिन पहले, इसी मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने छात्राओं को देर रात घर से बाहर न निकलने की सलाह दी थी, जिसको लेकर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा है।
इसे भी पढ़ें: भारत का सबसे युवा निर्माता रच रहा है रचनात्मकता की नई मिसाल: हरमनराय सिंह सहगल
पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की 23 वर्षीय छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार मामले में पुलिस ने सोमवार को दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। यह जानकारी पुलिस ने दी।
इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है, जहां विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपराध से संबंधित सबूतों को नष्ट करने के प्रयास का आरोप लगाया है।
अधिकारी ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तारियां आंखों में धूल झोंकने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं हैं।
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘दो और गिरफ्तारियां की गई हैं। इसके साथ ही, छात्रा की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सभी पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।’’
इसे भी पढ़ें: सर्दी से पहले आतंक की बड़ी चाल नाकाम! कुपवाड़ा में सेना ने घुसपैठियों को खदेड़ा, सीमा पर बीएसएफ जवानों की कड़ी निगरानी जारी
दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज के द्वितीय वर्ष की छात्रा ओडिशा के बालासोर जिले की रहने वाली है। उसके साथ शुक्रवार रात कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था, जब वह अपने एक मित्र के साथ रात का खाना खाने के लिए कॉलेज परिसर से बाहर गई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, छात्रा ने शुरू में कॉलेज अधिकारियों को तीन से चार पंक्तियों का एक संक्षिप्त लिखित बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि वह और उसका दोस्त परिसर के बाहर टहल रहे थे, तभी अचानक कुछ लोगों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और फिर उन पर हमला कर दिया।
बाद में यह बयान पुलिस को भेजा गया, जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू की गई।
छात्रा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने निर्धारित किया कि घटना शुक्रवार रात आठ बजे से 8.45 बजे के बीच हुई थी।
जांचकर्ताओं ने बताया कि शुरुआत में तीन लोगों ने छात्रा को घेर लिया और जब उसने मदद के लिए अपने दोस्तों को फोन करने की कोशिश की, तो उसका फोन छीन लिया। उन्होंने बताया कि बाद में दो और व्यक्ति उनके साथ आ गए और पांचों ने मिलकर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने छात्रा को वहां से चुपचाप चले जाने के लिए 5,000 रुपये की पेशकश भी की। पीड़िता के साथ रहा पुरुष मित्र पूछताछ के लिए फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
जांचकर्ताओं ने कहा कि घटना वाली रात उसकी गतिविधियों और आचरण ने संदेह पैदा किया है। पीड़िता के पिता ने एक अलग शिकायत भी दर्ज करायी है और उनके अनुसार, जब आरोपियों ने छात्रा को घेरा तो उसका दोस्त मौके से भाग गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि भागने के बाद उसने अन्य छात्रों को सूचित क्यों नहीं किया या कॉलेज से मदद क्यों नहीं मांगी।
पहले गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को रविवार को दुर्गापुर की एक अदालत में पेश किया गया और उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बनर्जी के पास राज्य का गृह विभाग भी है।
ओडिशा राज्य महिला आयोग (ओएससीडब्ल्यू) की अध्यक्ष सोवाना मोहंती भी मेडिकल छात्रा, उसके अभिभावकों से मुलाकात करने और स्थानीय पुलिस के साथ चर्चा करने के लिए सोमवार को भुवनेश्वर से पश्चिम बंगाल के लिए निकलीं।
शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी प्रशासन पर तब निशाना साधा, जब उनके नेतृत्व में भाजपा के एक दल को भी चिकित्सकों से मिलने से रोक दिया गया।
भाजपा नेता अधिकारी ने कहा, मैंने माता-पिता से बात की है और उन्होंने कहा है कि अस्पताल ने उन्हें उनकी बेटी की मेडिकल रिपोर्ट नहीं सौंपी है। यहां तक कि माता-पिता को भी अस्पताल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई, हमें तो छोड़ ही दीजिए। यह अपराध से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का स्पष्ट प्रयास है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये गिरफ्तारियां दिखावा मात्र हैं। आरोपियों को 15-20 दिन बाद जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। एक बार जब ये लोग नजरों से दूर हुए और लोगों ने अपराध को भुला दिया, तो पुलिस के लिए ऐसा करना आसान हो जाएगा।’’
विपक्ष के नेता अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों में से एक, शेख नसीरुद्दीन जिसकी पहचान दुर्गापुर नगर निगम में एक संविदा कर्मचारी के तौर पर की गई है, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से सीधे जुड़ा हुआ है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘आरोपी का पिता स्थानीय तृणमूल कांग्रेस का पदाधिकारी है और संदिग्ध खुद स्थानीय नगर निकाय से जुड़ा है। हम इस जघन्य अपराध में सत्तारूढ़ दल की संलिप्तता की गहन जांच की मांग करते हैं। मुख्यमंत्री अपनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकतीं।’’
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी आईटी प्रकोष्ठ प्रभारी देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि यह दावा किसी भी तरह से पार्टी को अभ्यारोपित नहीं करता है।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘अगर हम यह मान भी लें कि आरोपी का कोई रिश्तेदार टीएमसी से जुड़ा है, तो क्या हुआ? बंगाल में हमारी पार्टी का मत प्रतिशत लगभग 50 प्रतिशत है। सीधा गणित यह है कि इस राज्य का हर दो में से एक नागरिक किसी न किसी तरह से हमारी पार्टी से जुड़ा है। हमारे समर्थकों में जितने बुरे लोग होंगे, उतने ही बेदाग नागरिक भी होंगे। मायने यह रखता है कि यहां पुलिस को पार्टी से जुड़ाव की परवाह नहीं है। अगर किसी पर अपराध का आरोप है, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि यदि यह उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्य में हुआ होता तो आरोपी को ना केवल गिरफ्तार नहीं किया जाता बल्कि उसके कृत्य के लिए उसे फूलमालाओं से सम्मानित भी किया जाता।
शुभेंदु अधिकारी के इस सवाल पर कि मुख्यमंत्री ने अभी तक पीड़ित से मुलाकात क्यों नहीं की है, पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी बाढ़ पीड़ितों के राहत कार्यों की निगरानी के लिए फिलहाल उत्तर बंगाल में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें भाजपा से सलाह की जरूरत नहीं है कि किसे और कब दौरा करना है। अब प्राथमिकता दोषियों को पकड़ना और त्वरित न्याय दिलाना है और यही किया जा रहा है। बलात्कार एक सामाजिक कुप्रथा है और भाजपा शासित राज्यों समेत पूरे देश में ऐसा होता है। भाजपा सिर्फ मुश्किल हालात का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।