फ्रांस की सेना के जनरल पियरेसल ने हाल ही में भारत आकर एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने भारत की लंबी दूरी की रॉकेट प्रणालियों, ड्रोन रोधी और अन्य आधुनिक युद्धक प्रणालियों में रूचि जाहिर कर दी है। उन्होंने विशेष रूप से भारत की पिनाका रॉकेट प्रणाली की तारीफ कर दी है और कह दिया है कि फ्रांस भारत के साथ सह विकास यानी की को-प्रोडक्शन करना चाहता है। इस बयान से सिर्फ एक खरीद की खबर सामने नहीं आई बल्कि दो लोकतांत्रिक देशों के बीच भविष्य की रक्षा साझेदारी की झलक दिखने लगी है।
इसे भी पढ़ें: फ्रांस में गहराते राजनीतिक संकट के बीच मैक्रों 48 घंटे के भीतर नए प्रधानमंत्री की घोषणा करेंगे
आपको बता दें कि भारत के पास लंबी दूरी की यानी लॉन्ग रेंज हमले की क्षमता है, वे कैसे विकसित हुई हैं। दरअसल, भारत ने सालों से रॉकेट मिसाइल और थल प्रक्षेप यानी की आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम में निवेश किया है। लेकिन तेजी हाल के सालों में हुई। देश की सामरिक चुनौतियों सीमाओं पर दबाव और टेक्नोलॉजी के बढ़ते खतरों ने इस दिशा को और महत्वपूर्ण बना दिया। एक प्रणाली पिनाका है जो मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है। जिसे भारत के डीआरडीओ ने बनाया है। पिनाका एमके1 की लंबाई लगभग 38 किलोमीटर तक है। लेकिन अब पिनाका एमके2 एक्टेंडेड रेंज और गाइडेड पिनाका वर्जन पर काम हो रहा है, जिसकी रेंज 60-90 किलोमीटर या उससे कहीं ज्यादा बताई जा रही है।
इसे भी पढ़ें: 7 लाख 50 हजार बैरल तेल लेकर भारत आ रहे जहाज को फ्रांस ने घेर लिया, फिर रूस ने दिखाया अपना रौद्र रूप
पिनाका प्रणाली ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी प्रभावशीलता साबित की, जहाँ इसने पहाड़ की चोटियों पर पाकिस्तानी ठिकानों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। तब से, इस हथियार प्रणाली को बड़ी संख्या में भारतीय सेना में शामिल किया गया है और कई महीने पहले भारत में एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल के समक्ष इसका प्रदर्शन किया गया था। आर्मेनिया ने चार पिनाका बैटरियों और अन्य रक्षा उपकरणों के लिए 2,000 करोड़ रुपये के एक संयुक्त सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसकी डिलीवरी नवंबर 2024 तक पूरी हो जाएगी। इस निर्यात सफलता ने भारत को उन्नत तोपखाने प्रणालियों के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया है, और कई दक्षिण पूर्व एशियाई और यूरोपीय देशों ने इस प्रणाली में रुचि दिखाई है।
इसे भी पढ़ें: ट्रंप की रूस को सीधी चेतावनी के बाद ज़ेलेंस्की का अमेरिका दौरा, क्या यूक्रेन को मिलेंगी टॉमहॉक मिसाइलें?
कुछ महीने पहले भारत में एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल के समक्ष पिनाका रॉकेट प्रणाली की क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया था और उन्हें संतोषजनक पाया गया था। यह संभावित फ्रांसीसी अधिग्रहण भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिसमें पारंपरिक रूप से पेरिस को दिल्ली का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता माना जाता रहा है। रक्षा साझेदारी में महत्वपूर्ण उपलब्धियों में पी-75 स्कॉर्पीन परियोजना और फ्रांस द्वारा भारत को 36 राफेल विमानों की आपूर्ति, तथा भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम विमानों की खरीद के लिए अंतर-सरकारी समझौता शामिल है।