नेपाली प्राधिकारियों ने राजधानी काठमांडू के पांच संवेदनशील क्षेत्रों में दो महीने की अवधि के लिए विरोध प्रदर्शनों पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध शनिवार से प्रभावी होगा।
काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास, सिंहदरबार सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, लैंचौर स्थित उपराष्ट्रपति आवास और नारायणहिती संग्रहालय के आसपास के क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।
सभी पांच स्थानों पर विरोध कार्यक्रम, सभा, धरना, भूख हड़ताल और प्रदर्शन प्रतिबंधित कर दिए गए।
नोटिस के अनुसार, ‘‘इन संवेदनशील क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन, सभाएं और मार्च आयोजित करने से कानून-व्यवस्था की स्थिति खतरे में पड़ सकती है और शांति भंग हो सकती है, साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने का खतरा भी हो सकता है, जिसे देखते हुए यह प्रतिबंध लगा दिया गया है।’’
मुख्य जिला प्रशासन अधिकारी ईश्वर राज पौडेल द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस में कहा गया है कि नेपाल के संविधान के तहत अन्य सभी स्थानों पर शांतिपूर्ण सभाओं एवं विरोध प्रदर्शनों की अनुमति है।
ये प्रतिबंध पिछले महीने ‘जेन-जेड’ के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद लगाए गए हैं।
‘जेन जेड’ उस पीढ़ी को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है।