Thursday, October 30, 2025
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Cyclone Montha | मोंथा ने ली 3 जानें, सड़कें-फसलें तबाह, आंध्र प्रदेश के CM ने मृतकों के लिए की 5 लाख मुआवजे की घोषणा

 भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव के कारण बुधवार को तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश हुई, जो रात भर पड़ोसी आंध्र प्रदेश के तट को पार कर गया। बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य के बह जाने की आशंका है। तेलंगाना में, वारंगल, जनगांव, हनुमाकोंडा, महबुबाबाद, करीमनगर, सिद्दीपेट, राजन्ना सिरसिल्ला, यदाद्री भुवनागिरी, सूर्यापेट, नलगोंडा, खम्मम, नगरकुर्नूल, पेद्दापल्ली, भद्राद्री कोठागुडेम उन जिलों में शामिल हैं, जहां भारी बारिश हुई, साथ ही हैदराबाद में भी बारिश हुई।

तेलंगाना डेवलपमेंट प्लानिंग सोसाइटी ने कहा कि सुबह 8.30 बजे से रात 9 बजे तक हनुमाकोंडा जिले के भीमादेवरपल्ले में 412.3 मिमी बारिश हुई, इसके बाद वारंगल जिले में कलेदा में 382.3 मिमी, उरुस में 336.8 मिमी और रेडलावाड़ा में 333.3 मिमी बारिश हुई।

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वहीं आंध्र प्रदेश के तट को पार कर चुके भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण मारे गए तीन लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करें।
यह तूफान मंगलवार आधी रात को आया था।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि राज्य में अब तक चक्रवात मोंथा के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है और मुख्यमंत्री ने उनके परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

नायडू के समक्ष बुधवार को प्रस्तुत प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, मोंथा तूफान से आंध्र प्रदेश में 87,000 हेक्टेयर भूमि की फसलें, 380 किलोमीटर पंचायती राज सड़कें, 2,300 किलोमीटर लंबी सड़क एवं भवन (आरएंडबी) विभाग की सड़कें और 14 पुल क्षतिग्रस्त हो गए।
अधिकारियों ने नायडू को बताया कि 304 मंडलों में धान, मक्का, कपास और उड़द की फसलें नष्ट हो गई हैं।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 304 मंडलों में 87,000 हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गईं। धान, कपास, मक्का और उड़द के अलावा 59,000 हेक्टेयर में लगी फसलें जलमग्न हैं, जिससे 78,796 किसान प्रभावित हुए हैं।
फसल नुकसान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायडू ने अधिकारियों को पांच दिनों में एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

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अधिकारियों ने सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से 1,424 करोड़ रुपये तथा ग्रामीण जलापूर्ति अवसंरचना के प्रभावित होने से 36 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है।
चक्रवात के दौरान तीन लोगों की मौत के अलावा 42 पशु भी मारे गए।
सरकार ने कहा कि एहतियाती उपायों के कारण नुकसान न्यूनतम रहा।
इस बीच मुख्यमंत्री ने चक्रवात प्रभावित स्थानों का हवाई दौरा शुरू किया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने बापटला, पालनाडू, कृष्णा, कोनासीमा और एलुरु जिलों का दौरा किया।
दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चक्रवात के तट से टकराने पर तेज हवाएं चलीं, जबकि प्रकाशम और नेल्लोर जिलों में भारी बारिश हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। अगर यह इससे अधिक होती, तो कोनासीमा जिले में नारियल के पेड़ों को नुकसान पहुंचता।’’
नायडू ने कहा कि घरों और मवेशियों को कम से कम नुकसान हुआ है, लेकिन जल निकासी व्यवस्था के अवरुद्ध होने जैसी बार-बार होने वाली नागरिक समस्याएं बनी हुई हैं।
अपने दौरे के दौरान, नायडू ने कोनासीमा जिले के अल्लावरम मंडल के ओडालारेवु गांव में एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने विस्थापितों को आवश्यक सामग्री वितरित की, जिसमें 25 किलोग्राम चावल और अन्य वस्तुएं तथा प्रति परिवार 3,000 रुपये नकद शामिल था।

उन्होंने कहा, इस (चक्रवात) के कारण व्यापक क्षति हुई है। यह राज्य के लिए एक बड़ी आपदा है। हालांकि, हम कुछ हद तक नुकसान कम करने में कामयाब रहे। हम 1.8 लाख लोगों को राहत शिविरों में लेकर आए। मैं यह देखने आया था कि राहत शिविरों की क्या स्थिति है।

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