बिहार विधानसभा चुनाव का आखिरी चरण खत्म हो चुका है। इस बार मुकाबला मुख्य रूप से जदयू–नीत एनडीए और राजद–नीत महागठबंधन के बीच देखा जा रहा है, जहां मतदाता अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं।
मौजूद जानकारी के अनुसार, करीब 3.7 करोड़ मतदाता 45,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। इस चुनाव में कुल 1,302 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें कई पुराने चेहरे के साथ-साथ कई नए उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
बता दें कि इस चुनाव में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव जैसे बड़े नेताओं के अलावा ओसामा शाहाब जैसे नए चेहरे भी चर्चा में बने हुए हैं। महुआ, राघोपुर और रघुनाथपुर जैसी सीटों पर मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। वहीं, इंडिया गठबंधन के भीतर कुछ सीटों पर आपसी टक्कर भी देखने को मिल रही है, जिसने चुनावी माहौल को और रोचक बना दिया है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने सभी मीडिया एजेंसियों को निर्देश दिया है कि मतदान के दूसरे चरण की प्रक्रिया पूरी होने से पहले किसी भी एग्जिट पोल के आंकड़े सार्वजनिक न किए जाएं। बताया जा रहा है कि एग्जिट पोल के नतीजे मतदान खत्म होने के लगभग आधे घंटे बाद यानी शाम साढ़े छह बजे से जारी किए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार, Axis MyIndia, CVoter और Today’s Chanakya जैसी प्रमुख एजेंसियां इस बार एग्जिट पोल सर्वे कर रही हैं, जिनके जरिए शुरुआती रुझानों का अंदाजा लगाया जा सकेगा।
बता दें कि बिहार चुनाव का दूसरा चरण 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 सीटों पर हो रहा है, जिसमें गया टाउन, कटिहार और सुपौल जैसी सीटें काफी अहम मानी जा रही हैं। दोनों ही गठबंधनों के लिए यह चरण बेहद निर्णायक है क्योंकि जहां एक ओर कुछ दल अपनी सीटों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई दल नए इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बना रहे हैं।
वहीं, पहले चरण के मतदान ने उत्साह का नया रिकॉर्ड कायम किया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, पहले चरण में 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1998 के बाद का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। खास बात यह रही कि महिला मतदाताओं की भागीदारी इस बार बेहद उल्लेखनीय रही है।
एग्जिट पोल की बात करें तो यह सर्वे मतदान के तुरंत बाद मतदाताओं से बातचीत के जरिए किए जाते हैं। ये सर्वे यह समझने की कोशिश करते हैं कि लोगों ने किस पार्टी को वोट दिया है। हालांकि यह केवल अनुमान होते हैं, फिर भी ये नतीजों की शुरुआती झलक पेश करते हैं और राजनीतिक माहौल को समझने में अहम भूमिका निभाते हैं।
बिहार में इस बार के चुनाव ने मतदाताओं के बीच असाधारण उत्साह और लोकतांत्रिक जोश दिखाया है, जिसका परिणाम आने वाले दिनों में साफ दिखाई देगा।

