रूस के युद्धकालीन राजस्व को रोकने की अमेरिकी कोशिशें रविवार को और तेज़ हो गईं, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह सीनेट के नए विधेयक का समर्थन करेंगे, जो वाशिंगटन को उन देशों पर 500 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का अधिकार देता है जो अभी भी मास्को के साथ व्यापार कर रहे हैं। ट्रंप ने फ्लोरिडा से व्हाइट हाउस के लिए रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, “रिपब्लिकन एक ऐसा कानून बना रहे हैं जो रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश पर कड़े प्रतिबंध वगैरह लगाएगा।” सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा लंबे समय से समर्थित इस योजना ने यूक्रेन पर रूस के लगातार हमलों को लेकर कांग्रेस में बढ़ती निराशा के बीच गति पकड़ ली है।
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डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों को चेतावनी दी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि जो भी देश रूस के साथ व्यापार करेगा, उस पर ‘‘बहुत कड़ी पाबंदियां’’ लगाई जाएंगी।
ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन और रिपब्लिकन सांसद मॉस्को को निशाना बनाने वाले कड़े कानून पर आगे बढ़ रहे हैं। ट्रंप ने कहा, ‘‘वे कानून पारित कर रहे हैं, रिपब्लिकन कानून ला रहे हैं, रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश पर बहुत कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। वे उसमें ईरान को भी शामिल कर सकते हैं, यह सुझाव मैंने दिया था।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोहराया, ‘‘तो कोई भी देश जो रूस के साथ व्यापार करेगा, उसे बहुत कड़ी पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। हम इसमें ईरान को भी शामिल कर सकते हैं।’’
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है जो दुनिया में सबसे अधिक शुल्कों में से एक है। इसमें रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है।
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सांसद लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किए गए एक विधेयक में रूसी तेल की द्वितीयक खरीद और पुन: बिक्री पर 500 प्रतिशत शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को संसद की विदेश संबंध समिति में लगभग सर्वसम्मत समर्थन मिला है।
ग्राहम और सांसद रिचर्ड ब्लूमेंथल ने संयुक्त रूप से ‘‘रूस प्रतिबंध अधिनियम 2025’’ पेश किया है, जिसका उद्देश्य उन “देशों पर द्वितीयक शुल्क और प्रतिबंध” लगाना है जो यूक्रेन में पुतिन के बर्बर युद्ध को जारी रखने के लिए धन मुहैया कराते हैं।’’ इस प्रस्तावित कानून के संसद में 85 सह-प्रायोजक हैं।

