Wednesday, November 19, 2025
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उत्तरांचल भ्रातृ समिति द्वारा उत्तराखंड राज्य व समिति स्थापना दिवस 2025 का भव्य आयोजन सम्पन्न

साहिबाबाद, 16 नवम्बर 2025: उत्तरांचल भ्रातृ समिति (रजि.) शालीमार गार्डन द्वारा “उत्तराखंड राज्य एवं समिति स्थापना दिवस – 2025” का वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव अत्यंत सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रवासियों, समिति सदस्यों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इसे यादगार बना दिया।

दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ समिति अध्यक्ष नरेश देवरानी के नेतृत्व में हुआ। मुख्य अतिथि गाजियाबाद सांसद अतुल गर्ग एवं समिति के संरक्षकगण— लीलाधर धौलाखंडी, सोबन सिंह नेगी, तथा दलीप सिंह उनियाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का उद्घाटन किया।

अध्यक्ष देवरानी ने अपने संबोधन में समाज की एकता, सांस्कृतिक संरक्षण और सामूहिक विकास की दिशा में समिति की निरंतर प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

लोक-संस्कृति की शानदार झलक

समारोह का मुख्य आकर्षण विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ रहीं, जिनमें—

  • पारंपरिक उत्तराखंडी लोक-नृत्य
  • गीत-संगीत तथा वादन
  • नाट्य मंचन
  • बच्चों और महिलाओं की विशेष प्रस्तुतियाँ

इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। पूरे आयोजन के दौरान मंच पर सांस्कृतिक विविधता और उत्तराखंडी परंपराओं की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

आयोजन में समिति पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान

इस सफल उत्सव के पीछे समिति के पदाधिकारियों और समर्पित स्वयंसेवकों का अथक सहयोग रहा। प्रमुख पदाधिकारियों में— सांस्कृतिक सचिव- जनक भट्ट, सांस्कृतिक सह सचिव- चंद्र मोहन केमनी, महासचिव- हरीश खर्कवाल, सचिव- विजय जुगरान, वरिष्ठ सदस्य- वीरेंद्र सिंह रावत, महिपाल सिंह रावत, कोषाध्यक्ष- नगेंद्र भंडारी, सक्रिय सदस्य- दीपक बिष्ट, मुकेश चमोली, दीपक भाकुनी, अर्जुन पटवाल, संदीप नौगाईं, अनिल नौटियाल, सुरेंद्र रावत, सोहन कठैत।

इन सभी के सहयोग से कार्यक्रम सुव्यवस्थित और गरिमापूर्ण रूप से सम्पन्न हुआ।

समिति ने व्यक्त किया आभार

समिति ने सभी सदस्यों, समाजजनों, स्वयंसेवकों और अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त किया जिनके सहयोग और उपस्थिति ने इस आयोजन को विशेष बना दिया। समिति ने आगे भी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं सामाजिक संवर्धन हेतु इसी प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन जारी रखने का संकल्प दोहराया।

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