शेयर बाजार में निवेश योजनाओं में उच्च रिटर्न का वादा करके 42 वर्षीय महिला से 3.38 लाख रुपये की ठगी के आरोप में दिल्ली पुलिस ने दो साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है और एक अन्य को शांति एवं अच्छे आचरण के लिये प्रतिभूति (पाबंद) किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आरोपियों की पहचान अमूल्य शर्मा (23) और गर्वित शर्मा (26) के रूप में हुई है।
तीसरे आरोपी, 20 वर्षीय सुजल सभरवाल को जांच के दौरान पाबंद किया गया है, जिसका अर्थ है कि कानूनी तौर पर उसे बुलाए जाने पर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा और यदि वह शहर छोड़ने का इरादा रखता है तो उसे पुलिस को सूचित करना होगा।
पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता एकता सचदेवा को “अज्ञात” व्यक्तियों द्वारा शेयर निवेश पर आकर्षक लाभ का वादा करके धोखा दिया गया।
उन्होंने कहा, “उनकी शिकायत के आधार पर 18 सितंबर को एक प्राथमिकी दर्ज की गई। एक टीम ने धन के लेन-देन का विश्लेषण किया और पाया कि राशि को एक ‘म्यूल खाते’ में स्थानांतरित किया गया था और फिर कई एटीएम का उपयोग करके निकाला गया था।”
‘म्यूल खाते’ ऐसे बैंक खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल जालसाज अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं। इन खातों का इस्तेमाल अपराधी अवैध रूप से कमाए गए पैसे को लेने, अंतरित करने या छिपाने के लिए करते हैं।
अधिकारी ने कहा, “खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को ट्रैक किया गया और तकनीकी निगरानी से पता चला कि धोखाधड़ी वाले अंतरण से कुछ समय पहले ही इसे अमूल्य शर्मा द्वारा संचालित किया जा रहा था।”
आगे की जांच से पता चला कि एक ही ‘म्यूल खाते’ से दूसरे खातों में 50 से ज़्यादा संदिग्ध लेनदेन किए गए थे।
आरोपी एक ऐसे गिरोह का हिस्सा थे जो ‘म्यूल खाते’ बनाने और फर्जी निवेश योजनाओं से जुड़ी साइबर धोखाधड़ी को बढ़ावा देने में माहिर था।
पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी से जुटाई गई रकम बाद में निकालकर क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में इस्तेमाल कर दी गई।
अमूल्य और गर्वित को छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि सुजल से ‘म्यूल खातों’ के संचालन में शामिल होने के आरोप में पूछताछ की गई।
पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।

