जम्मू कश्मीर पुलिस की खुफिया इकाई ने एक चिकित्सक से जुड़ी आतंकवादी साजिश के मामले में मंगलवार को घाटी में कई स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि ये छापे सफेदपोश आतंकवादी मॉड्यूल या दिल्ली विस्फोट मामले से जुड़े नहीं हैं।
ये छापे श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम जिलों में मारे गए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह तलाशी एक चिकित्सक से जुड़े मामले के संबंध में है लेकिन यहमामला अलग है और इसका सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल या दिल्ली विस्फोट मामले से कोई संबंध नहीं है।’’
उन्होंने बताया कि जांच जारी है और आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
सूत्रों के हवाले से नीचे की जानकारियां दी गयी है- इसकी अधिकारिक पुष्टी होनी अभी बाकी है–
सूत्रों ने बताया कि सीआईके की एक टीम ने आज सुबह कुलगाम के बुगाम इलाके में श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में तैनात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उमर फारूक के घर पर छापा मारा। सीआईके के कर्मचारी सुबह-सुबह गाँव पहुँचे और डॉक्टर के घर की गहन तलाशी ली।
सूत्रों ने बताया कि छापेमारी का कारण आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया है और अधिकारियों ने अभी तक इस अभियान के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि तलाशी शांतिपूर्ण तरीके से की गई और कोई अप्रिय घटना नहीं घटी, हालाँकि सीआईके की टीमों की अचानक उपस्थिति से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई।
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एसएमएचएस के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उमर फारूक कथित तौर पर छापेमारी के समय घर पर नहीं थे। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि तलाशी के दौरान कुछ बरामद हुआ या नहीं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की कई शाखाएँ, जिनमें काउंटर-इंटेलिजेंस, विशिष्ट जाँच एजेंसी (एसआईए) और अन्य शामिल हैं, इस सफेदपोश आतंकवादी मामले की जाँच कर रही हैं जिसमें कुछ स्थानीय डॉक्टर शामिल पाए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद में इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। इस आतंकी मॉड्यूल में शामिल डॉक्टरों का सुराग जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकी संगठन के दो ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) ने दिया था।शुरुआत में, कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके के एक स्थानीय डॉक्टर आदिल राठेर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। डॉ. आदिल राठेर से पूछताछ के बाद फरीदाबाद में इस आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ।
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एक अन्य स्थानीय डॉक्टर मुजम्मिल गनई को फरीदाबाद में गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। एक अन्य आतंकी सहयोगी डॉ. उमर नबी गिरफ्तारी से बच निकला। दिल्ली में लाल किले के पास उसकी कार में हुए विस्फोट में उसकी मौत हो गई, जिसमें 12 नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

