बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन की राह तेज़ हो गई है। विजयी एनडीए ने प्रत्येक गठबंधन सहयोगी की संख्या के आधार पर मंत्रिस्तरीय विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप देने का फैसला किया है। बिहार के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य एनडीए नेता 20 नवंबर को राज्य में नई सरकार के शपथ समारोह की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए गांधी मैदान पहुंचे। भाजपा नेता नितिन नबीन ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह की पूरी तैयारी हो चुकी है…यह बिहार में विकास की नई उड़ान का शपथ ग्रहण समारोह है। इसलिए, इस बात की तैयारी की जा रही है कि हम इसके लिए उत्सव का माहौल कैसे बना सकते हैं।
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नितिन नबीन ने कहा कि विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री यहां आ रहे हैं। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कई अन्य केंद्रीय मंत्री आ रहे हैं। इसलिए, पूरा एनडीए परिवार, साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी यहां आने वाले हैं। बिहार इसे एक उत्सव की तरह मनाएगा…मुख्यमंत्री स्वयं हर चीज की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं, एनडीए के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों के विभागों का बंटवारा पूरी तरह से पार्टी की संख्या के आधार पर किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा बुधवार (19 नवंबर) सुबह 10 बजे अपने विधायक दल की बैठक करेगी। उन्होंने बताया कि अंतिम मंत्रिपरिषद का बंटवारा दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय चर्चा के बाद होगा। उन्होंने बताया कि इन बैठकों के बाद एक सैद्धांतिक सूची तैयार की गई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ विस्तृत चर्चा शामिल है। उन्होंने बताया कि दिल्ली से नेता पटना के लिए रवाना हो गए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि भाजपा की बैठक के बाद अंतिम सूची जल्द ही जारी की जाएगी।
विधायक दल के नेता के चुनाव की निगरानी के लिए, भाजपा ने दिल्ली से पर्यवेक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल पटना भेजा है। इसने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। मंत्रिपरिषद का बंटवारा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे से जुड़े एक स्पष्ट फॉर्मूले के अनुसार हो रहा है। चुनाव परिणामों के आधार पर, मंत्रिमंडल बंटवारे का यह फॉर्मूला तय होता है।
केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने बिहार के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर अटकलों को खारिज करते हुए मंगलवार को विश्वास जताया कि विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत के बाद नीतीश कुमार अपने पद पर बने रहेंगे। केंद्रीय कपड़ा मंत्री सिंह ने आश्चर्य जताया कि मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई ‘‘भ्रम’’ क्यों है। उन्होंने हालांकि कहा कि हर पार्टी की अपनी प्रक्रिया होती है और राजग भी बिहार के मुख्यमंत्री को चुनने के लिए बैठकें करेगा।
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सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को भी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर सहमति बनाने की कोशिशें जारी है तथा दोनों ही दल पद पर अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं। पिछली विधानसभा में भाजपा के नंद किशोर यादव विधानसभा अध्यक्ष थे जबकि जदयू के नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष थे। सूत्रों ने बताया कि जदयू के वरिष्ठ नेता और भाजपा के शीर्ष पदाधिकारी इसके लिए नयी दिल्ली में लगातार बैठकें कर रहे हैं, जहां विधानसभा अध्यक्ष पद के साथ-साथ महत्वपूर्ण विभागों के बंटवारे पर भी चर्चा हो रही है।

