यूक्रेन के खारकीव पर रूस का हमला एक और बड़ी खबर मिल रही है। आर्टिलरी से यूक्रेनी सैनिकों पर अटैक हुआ है। 30 किमी.दूर से यूक्रेनी सैनिकों पर अटैक किया गया है। और एक और बड़ी खबर मिल रही है। यूक्रेनी काफिले पर ड्रोन से अटैक हुआ है। यूक्रेन भी लगातार ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। इस बीच यूक्रेनी सैन्य अड्डों पर भी अटैक हो रहे हैं। राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने बताया कि रूसी सेना ने 19 नवंबर को यूक्रेन के कई इलाकों में रातोंरात हमला किया, जिसमें कम से कम नौ लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। ज़ेलेंस्की ने बताया कि रात भर में 470 ड्रोन और 48 मिसाइलें दागी गईं, जिसे उन्होंने एक और “बेशर्म” हमला बताया। पश्चिमी यूक्रेन के टेरनोपिल में, एक नौ मंजिला आवासीय इमारत पर हमला किया गया, जिसमें कम से कम नौ लोग मारे गए।
इसे भी पढ़ें: भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन: पुतिन ने किया जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत, तय हुआ मजबूत संबंधों का रोडमैप
पिछले 48 घंटे में 50 से ज्यादा हमले हुए हैं। काला सागर को लेकर रूस और यूक्रेन ने इतने आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं कि युद्ध का पूरा फोकस ब्लैक सी में शिफ्ट हो गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है काला सागर का कारोबारी रूट जहां रूस का कब्जा। जबकि नाटो इसे रूस से मुक्त कराना चाहता है। इसके लिए दोनों तरफ के अहम ठिकानों को टारगेट किया जा रहा है। रूस के क्रीमिया पर हमले हो रहे हैं। जबकि ओडसा पर रूस हमले कर रहा है। जिससे वर्चस्व का दायरा बढ़ाया जा सके। आधी रात को सबसे ज्यादा हमले किए गए। सैन्य ठिकानों के अलावा एनर्जी सेक्टर पर भी हमले किए गए।
इसे भी पढ़ें: किसी भी हद तक चले जाएंगे…SCO में तो गजब का बवाल काट आए जयशंकर, पाकिस्तान के उड़े होश
युद्ध में पिछड़ रहे यूक्रेन ने इस बार हमले का पैटर्न बदला है। इस बीच उसे नाटो से भी विध्वंसकारी और हाईटेक हथियार मिले हैं। जिससे वो क्रीमिया में लगातार हमले कर पा रहा है। क्रीमिया पर हमले करने के लिए टॉर्पिडो ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। टॉर्पिडो ड्रोन यूक्रेन को यूरोपीय देशों से मिल रहे हैं। जिसकी वजह से यूक्रेन ने रूसी पेट्रोल बोर्ड को डुबो दिया। ओसा के पास निगरानी कर रही बोट पर यूक्रेन ने हमला किया। क्योंकि हमला नहीं करने की सूरत में यह 15 किमी के दायरे में स्टैंड बाय मोड में चले जाते हैं। 50 किमी दूर से इन्हें दागा गया था। लेकिन टारगेट के पास स्टैंड बाय मोड पर थे। लेकिन जैसे ही कमांड मिली तुरंत एक्टिव होकर हमला कर दिया। इस ड्रोन की मदद से यूक्रेन ने क्रीमिया की रिफाइनरी और एक रडार सेंटर को तबाह कर दिया।

