प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 25 नवंबर को 8,000 से अधिक मेहमानों की उपस्थिति में राम मंदिर के ऊपर विशेष रूप से डिजाइन किया गया भगवा ध्वज फहराएंगे। 25 नवंबर को राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह के दिन, केवल आमंत्रित अतिथि ही रामलला के दर्शन कर पाएँगे। 25 नवंबर को आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन बंद रहेंगे। हालांकि, 26 नवंबर को सुबह 4 बजे से श्री राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन शुरू हो जाएँगे।
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कल मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के साथ एक बैठक में, प्रशासनिक अधिकारियों ने यह जानकारी इस सवाल के जवाब में दी कि वे ‘राम विवाह’ के अवसर पर अयोध्या में आने वाले बड़ी संख्या में राम भक्तों को दर्शन की अनुमति कब देंगे। यह पहली बार होगा जब राम मंदिर में राम-सीता विवाह उत्सव मनाया जाएगा। ध्वजारोहण समारोह और राम विवाह समारोह एक ही दिन होने के कारण, अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में अधिक होगी। अयोध्या के जिलाधिकारी निखिल टी. फंडे ने बुधवार को यहाँ बताया कि राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह से एक दिन पहले आने वाले मेहमानों को 24 नवंबर को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि कुल मिलाकर, सात झंडे होंगे, एक मुख्य मंदिर के गुंबद के लिए और बाकी छह अन्य मंदिरों के लिए… सुरक्षा व्यवस्था के बारे में, हमें विशेष रूप से बताया गया था कि मंदिर में आने वाले सभी आम लोगों के साथ सुरक्षाकर्मियों द्वारा सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए… कार्यक्रम के दिन, लगभग 15 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई परेशानी न हो, क्योंकि भीड़ प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था की गई है… प्रधानमंत्री के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और राज्य के राज्यपाल भी होंगे। उनके साथ, लगभग 7,000 वीआईपी मेहमानों के आने की उम्मीद है। उनके ठहरने के साथ-साथ उनके मंदिर दर्शन के लिए भी उचित व्यवस्था की गई है।
मिश्र ने बताया कि राम बारात और उससे जुड़े कार्यक्रमों में किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उनके मुताबिक, आगामी 26 नवंबर को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये रामलला का गर्भगृह 16 घंटे से ज्यादासमय तक खुला रहेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी कर्मचारियों को तीर्थयात्रियों के साथ व्यवस्थित और विनम्र व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये हैं।
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मिश्र ने राम मंदिर पर ध्वजारोहण की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मुख्य मंदिर के शिखर पर ध्वज लगाने के लिए तकनीकी और हस्तगत दोनों ही प्रणालियों को सुदृढ़ किया गया है। उनके मुताबिक, परिसर के सातों मंदिरों के ध्वज त्रिकोणीय होंगे और उन पर केवल ओम का चिह्न होगा और वे मुख्य मंदिर के ध्वज से छोटे होंगे। उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण के दो सफल परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके हैं तथा सभी मंदिरों के शिखरों पर लगे ध्वज स्थायी रहेंगे और उन्हें वर्ष में केवल एक या दो बार ही बदलने के लिए उतारा जाएगा।

