प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नौसेना दिवस के अवसर पर सभी भारतीय नौसेना कर्मियों को बधाई दी और नौसेना की बढ़ती आत्मनिर्भरता, दृढ़ संकल्प और देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने के साहस की सराहना की। भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और राष्ट्रीय सुरक्षा में इसके योगदान के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1971 के युद्ध में नौसेना की सफलता का प्रतीक है, जब ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत भारतीय सेना ने पीएनएस खैबर सहित चार पाकिस्तानी जहाजों को डुबोकर पाकिस्तानी नौसेना को करारा झटका दिया था।
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एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों को नौसेना दिवस की शुभकामनाएँ। हमारी नौसेना असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का पर्याय है। वे हमारे तटों की रक्षा करते हैं और हमारे समुद्री हितों को बनाए रखते हैं। हाल के वर्षों में, हमारी नौसेना ने आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। इससे हमारी सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल की दिवाली की यादें उन्हें हमेशा याद रहेंगी, जो उन्होंने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के साथ बिताई थीं। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना को उनके आगामी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।’’
एक वीडियो संदेश में, प्रधानमंत्री ने देश की समुद्री सीमाओं और आर्थिक जीवनरेखाओं की सुरक्षा में नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि समुद्र में, हमारी नौसेना देश की समुद्री सीमाओं और वाणिज्यिक हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे वह अपतटीय पेट्रोल पोत हों, पनडुब्बी हों या विमानवाहक पोत। आज, भारतीय नौसेना की ताकत तेजी से बढ़ रही है।
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उन्होंने वैश्विक भलाई के लिए शक्ति का उपयोग करने की भारत की दीर्घकालिक परंपरा पर ज़ोर देते हुए कहा कि भारत की परंपरा शक्ति और सामर्थ्य की रही है। हमारा ज्ञान, हमारी शक्ति और हमारी ताकत मानवता की सेवा और मानवता की सुरक्षा के लिए है। आज, जब देश की आर्थिक व्यवस्था परस्पर जुड़ी दुनिया और प्रगतिशील समुद्री सीमाओं पर निर्भर है, भारत की नौसेना वैश्विक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

