कुशीनगर की एक विशेष ‘पॉक्सो’ अदालत ने बृहस्पतिवार को एक व्यक्ति को पांच साल से अधिक समय पहले तीन साल की बच्ची से बलात्कार करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत विशेष अदालत ने दोषी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फूलबदन व अजय गुप्ता ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार ने मामले में सत्येंद्र को दोषी करार देते हुए कहा कि उसे सभ्य समाज में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि मौका मिलने पर वह किसी अन्य मासूम बच्चे को भी अपना शिकार बना सकता है।
अदालत ने कहा कि तीन साल की बच्ची से ऐसा जघन्य कृत्य करने वाला व्यक्ति अधिकतम सजा का हकदार है।
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि वादी ने 23 जून 2020 को नेबुआ नौरंगिया थाने में सूचना दी कि आरोपी आम खिलाने के बहाने उनकी तीन वर्ष की बच्ची को अपने घर ले गया। घर में कोई नही था, जहां उसने बच्ची से दुष्कर्म किया।
इधर बच्ची को ढूंढने निकली उसकी मां को लोगों ने बताया कि उन्होंने बच्ची को सत्येंद्र संग जाते देखा था।
बच्ची की तलाश में मां आरोपी के घर गई, जहां उसने सत्येंद्र को बच्ची का यौन उत्पीड़न करते देखा। शोर मचाने पर आरोपी फरार हो गया। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अदालत ने जुर्माने का 80 प्रतिशत पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया है।

