कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में परिचालन संबंधी व्यवधान को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इंडिगो की विफलता इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल’ का नतीजा है।
इंडिगो की 550 से अधिक घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है जबकि कई उड़ानें देर से रवाना होने से हजारों यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, इंडिगो की विफलता इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल’ का नतीजा है। एक बार फिर इसकी कीमत आम भारतीयों को देरी, उड़ानें रद्द होने और लाचारी के रूप में चुकानी पड़ी है।
उन्होंने दावा किया कि भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, मैच फिक्सिंग के एकाधिकार का नहीं है।
इंडिगो हाल के दिनों में चालक दल की भारी किल्लत का सामना कर रही है।
दरअसल उड़ान ड्यूटी की सीमा तय करने वाले नए एफडीटीएल नियम लागू होने के बाद से ही एयरलाइन चालक दल की संख्या में कमी का सामना कर रही है।
नए नियमों के तहत पायलट के लिए साप्ताहिक विश्राम का समय बढ़ाया गया है और रात में विमानों के उतरने की संख्या सीमित की गई है ताकि उड़ान सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
इसी बीच इंडिगो ने शुक्रवार को 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं और विभिन्न हवाई अड्डों पर बड़ी संख्या में उड़ानों में विलंब हुआ। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उड़ानों में लंबे समय तक देरी के कारण हवाई अड्डों पर सैकड़ों यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर प्रस्थान और आगमन सहित 220 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 100 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद हवाई अड्डे पर 90 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। अन्य हवाई अड्डों पर भी उड़ानें रद्द की गईं और कई उड़ानों में विलंब हुआ। इंडिगो केबिन क्रू की समस्याओं और अन्य कारणों से परिचालन संबंधी व्यवधानों से जूझ रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) पिछले कुछ दिनों से इंडिगो की उड़ान बाधाओं से संबंधित स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। इंडिगो ने बृहस्पतिवार को विमानन नियामक डीजीसीए को बताया कि उड़ान संचालन 10 फरवरी, 2026 तक पूरी तरह से स्थिर होने की उम्मीद है।
IndiGo fiasco is the cost of this Govt’s monopoly model.
Once again, it’s ordinary Indians who pay the price – in delays, cancellations and helplessness.
India deserves fair competition in every sector, not match-fixing monopolies. https://t.co/sRoigepFgv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2025

