Friday, December 26, 2025
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Delhi में छठ जल विवाद पर सीएम रेखा गुप्ता का पलटवार, विपक्ष पर आस्था रोकने का आरोप

छठ पर्व के बाद दिल्ली में वासुदेव घाट पर तैयार किए गए जलाशय को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार तूल पकड़ रहा है। इस मामले में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि विपक्ष की ओर से फैलाया जा रहा भ्रम केवल राजनीतिक विरोध तक सीमित है और वास्तविकता इससे अलग है। मौजूद जानकारी के अनुसार सीएम ने कहा कि यमुना के तट पर भारी कीचड़ हटाकर श्रद्धालुओं की पहुंच और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थायी व्यवस्था बनाई गई थी, ताकि किसी प्रकार की बाधा या खतरा उत्पन्न न हो।
गौरतलब है कि वासुदेव घाट पर जल को “फिल्टर्ड” बताने और उसे “कृत्रिम यमुना” कहने का आरोप आम आदमी पार्टी की ओर से लगाया गया था। इस दावे को पलटते हुए सीएम ने कहा कि जलाशय में मौजूद पानी यमुना का ही था, बस खतरे के स्तर को कम करते हुए संरचनात्मक सुरक्षा के तहत बैरिकेडिंग की गई थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि विरोध करने वाले वही दल हैं जिन्होंने एक समय छठ उत्सव को आधिकारिक रूप से स्वीकार तक नहीं किया था और 11 वर्षों तक पर्व के सार्वजनिक आयोजन को सीमित रखा था।
बता दें कि इस वर्ष राजधानी में छठ पूजा के लिए 13,500 स्थानों पर सरकारी व्यवस्थाएं की गई थीं। प्रशासन ने सफाई, प्रकाश, चिकित्सकीय सहायता और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ सुचारू रूप से संभाली जा सके। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि इस पर्व से जुड़ी आस्था को राजनीतिक विवाद का विषय बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि यह पर्व करोड़ों लोगों की सांस्कृतिक और धार्मिक भावना से जुड़ा हुआ है।
उधर, विपक्ष सरकार को “नदी को स्वाभाविक रूप में बहाल करने” की बजाय “दिखावटी सफाई” का आरोप लगाकर घेर रहा है, जबकि दिल्ली भाजपा नेतृत्व का कहना है कि आठ महीनों में यमुना की मूल सफाई काफी हद तक पूरी की गई है और श्रद्धालुओं के लिए प्राकृतिक घाट उपलब्ध कराए गए हैं।
 
फिलहाल यह मुद्दा राजनीतिक बहस के बीच भी जनता और व्यवस्था के बीच संतुलन बनाने का एक उदाहरण बनकर सामने आया है, जहां प्रशासन का दावा है कि पूरी प्रक्रिया श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है। इस वर्ष के छठ पर्व के बाद राजधानी में धार्मिक उत्साह के साथ व्यवस्था संबंधी संवाद भी तेज़ होते दिखाई दे रहे हैं।
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