Friday, December 26, 2025
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IndiGo में फिर संकट: DGCA की कड़ी निगरानी, बेंगलुरु एयरपोर्ट से 60 उड़ानें रद्द

बेंगलुरु एयरपोर्ट से इंडिगो ने गुरुवार को 60 उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है। मौजूद जानकारी के अनुसार, इनमें 32 आगमन और 28 प्रस्थान वाली उड़ानें शामिल हैं। बता दें कि यह कदम उस समय उठाया गया है जब डीजीसीए ने हाल के दिनों में इंडिगो की परिचालन व्यवस्था पर निगरानी और कड़ी कर दी है।
गौरतलब है कि बुधवार को भी दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु से कुल 220 उड़ानें इंडिगो ने रद्द की थीं, जिनमें अकेले दिल्ली से 137 उड़ानें शामिल थीं। लगातार हो रही इन रद्द उड़ानों के बीच डीजीसीए ने कड़े तेवर अपनाते हुए इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए तलब किया है। इस रिपोर्ट में उड़ान रद्द होने के कारणों, क्रू डिप्लॉयमेंट और अन्य आंकड़ों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि बुधवार को इंडिगो के चेयरमैन विक्रम मेहता ने पहली बार 10 दिनों की चुप्पी तोड़ते हुए माफी मांगी थी। उन्होंने स्वीकार किया कि एयरलाइन कई “अप्रत्याशित” आंतरिक और बाहरी कारणों से प्रभावित हुई है। इसमें छोटे तकनीकी मुद्दे, सर्दियों के समय सारिणी में बदलाव, मौसम संबंधी चुनौतियाँ, एयर ट्रैफिक जाम और नई क्रू रॉस्टरिंग नियमों का अनुपालन प्रमुख कारण बताए गए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अन्य एयरलाइंस भी इन्हीं बाहरी चुनौतियों से गुजरीं, लेकिन उनका संचालन लगभग सामान्य रहा है। यही वजह है कि इंडिगो की योजना और क्रू मैनेजमेंट को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
मौजूद जानकारी के मुताबिक इंडिगो के पायलटों की संख्या पिछले नौ महीनों में 378 कम हुई है, जबकि एयरलाइन ने पहले डीजीसीए को पत्र लिखकर बताया था कि नए एफडीटीएल नियम लागू होने से केवल 3% अतिरिक्त क्रू की जरूरत पड़ेगी। संसद में दिए गए आंकड़ों के अनुसार मार्च 2025 तक इंडिगो के पास 5,463 पायलट थे, जबकि 8 दिसंबर को सरकार ने बताया कि यह संख्या घटकर 5,085 रह गई है।
स्थिति को देखते हुए डीजीसीए ने एयरलाइन के मुख्यालय गुरुग्राम में अपने अधिकारियों को तैनात करने का फैसला किया है। एक विशेष निगरानी टीम तैयार की गई है, जिसमें वरिष्ठ कैप्टन और सरकारी अधिकारी शामिल हैं। यह टीम रोजाना कैंसिलेशन डेटा, क्रू की उपलब्धता, अनियोजित छुट्टियां और प्रभावित रूटों की रिपोर्ट तैयार कर डीजीसीए को सौंपेगी।
वहीं, पायलट संघ एफआईपी ने हाल में आरोप लगाया कि इंडिगो ने पिछले दो वर्षों में पर्याप्त तैयारी नहीं की और “अनुचित” तरीके से कम स्टाफ पर निर्भर रहने की रणनीति अपनाई। संघ का कहना है कि एयरलाइन ने नई एफडीटीएल व्यवस्था लागू होने से पहले न तो समय पर भर्ती की, न ही वेतन और अन्य मुद्दों पर कर्मचारियों को सहूलियत दी, जिसके चलते आज यह संकट खड़ा हुआ है।
कुल मिलाकर, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन लगातार रद्द उड़ानों से जूझ रही है और नियामक एजेंसियों की निगरानी के बीच स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में लगी हुई है।
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