बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जिहादी जंग देखने को मिल रही है। उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश जल रहा है। कट्टरपंथियों ने जमकर आगजनी की है। तोड़फोड़ की है। पथराव किया है। कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ की है। उसकी तस्वीरें सामने आई है। शेख हसीना की सरकार गिराने में शामिल उस्मान हादी को कुछ दिन पहले सिंगापुर में गोली मार दी गई थी और इसके बाद उसे सिंगापुर शिफ्ट किया गया। दरअसल बांग्लादेश में गोली मारने के बाद उसको इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया था। वहां उसकी मौत हो गई। बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी है। कहीं अखबार के दफ्तरों को टारगेट करके जला दिया जा रहा है और कहीं पर प्रदर्शन की सड़क से जो तस्वीर आ रही है वो भी डराने वाली है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। सरकारी दफ्तरों को निशाना बनाया गया। यहां तक कि भारतीय उच्चायोग के बाहर भी जमकर प्रदर्शन वहां पर किया गया। 5 अगस्त से पहले जो कुछ छात्र आंदोलन के नाम पर हो रहा था बांग्लादेश में एक बार फिर से ठीक उसी जैसी तस्वीर दिख रही है।
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एक हिंदू को पीट-पीट कर मारा गया और उसके बाद जिंदा जला दिया गया। शव को आग के हवाले किया गया है। भारतीय उच्चायुक्त पर भी हमले की तस्वीरें सामने आई है। यह बड़ी खबर उच्चायुक्त पर किस तरह से हमला किया गया है। हाई कमीशन पर देखिए किस तरह से पत्थर बरसाए जा रहे हैं। यूनुस सरकार ने हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की निंदा की, अराजकता के बीच शांति बनाए रखने की अपील की है। युनूस ने कहा कि नए बांग्लादेश में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। पीड़ित की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो भालुका उपज़िला के दुबालिया पारा इलाके में किराए पर रहने वाला एक युवा कपड़ा कारखाने का कर्मचारी था। पुलिस के अनुसार, स्थानीय निवासियों के एक समूह ने उस पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया और गुरुवार रात करीब 9 बजे उस पर हमला कर दिया।
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ढाका में जारी एक बयान में अंतरिम सरकार ने नागरिकों से हिंसा के सभी रूपों के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया, जिसे उसने कुछ अलग-थलग आतंकवादी समूहों द्वारा अंजाम दिया जा रहा बताया। उसने कहा कि हिंसा, भय, आगजनी और विनाश के ऐसे कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा की जाती है। बयान में कहा गया है कि हम हिंसा, भय, आगजनी और खिड़कियां तोड़ने की सभी गतिविधियों की कड़ी और अचेतन रूप से निंदा करते हैं और यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर ऐतिहासिक लोकतांत्रिक परिवर्तन से गुजर रहा है और चेतावनी दी गई है कि अराजकता पैदा करने के प्रयासों को देश के शांति के मार्ग को पटरी से उतारने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

