Saturday, December 20, 2025
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LoC की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा, सांबा-राजौरी में तलाशी अभियान, घर-घर, जंगल-जंगल में चल रहा Search Operation

जम्मू-कश्मीर में सख़्त सुरक्षा कार्रवाई के जरिये साफ़ राजनीतिक व सैन्य संदेश दिया जा रहा है है। नियंत्रण रेखा से लेकर आंतरिक इलाक़ों तक यानि पुंछ, राजौरी, सांबा और किश्तवाड़, तक हर दिशा में एक ही स्वर गूंज रहा है कि आतंकवाद के लिए अब कोई जगह नहीं है। सेना की समीक्षा बैठकों से लेकर आधी रात के तलाशी अभियानों और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की दो-टूक चेतावनियों तक, पूरा तंत्र एक साथ हरकत में है।
हम आपको बता दें कि उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले का दौरा कर आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए तैनात इकाइयों की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। सुरनकोट के शाहसितार क्षेत्र में हुई यह समीक्षा भविष्य की चुनौतियों के लिए एक स्पष्ट तैयारी संकेत थी। कमांडर ने तकनीक आधारित युद्धक क्षमताओं को अपनाने, रियल-टाइम इंटेलिजेंस और फील्ड-लेवल समन्वय पर ज़ोर देते हुए संदेश दिया कि बदलते आतंकी तौर-तरीकों के सामने सेना हर पल तैयार है। उत्तरी कमान का यह दौरा बताता है कि नियंत्रण रेखा से लगे संवेदनशील इलाक़ों में ढिलाई का कोई सवाल नहीं है।

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इसी के समानांतर, ज़मीन पर कार्रवाई और तेज़ हुई है। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना के बाद सांबा, किश्तवाड़ और राजौरी में सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया। सांबा के घगवाल क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमें तीन संदिग्धों की आवाजाही की सूचना पर सक्रिय हुईं। किश्तवाड़ के सिंहपुरा इलाके में भी सघन तलाशी अभियान चलाया गया। हर प्रवेश-निकास बिंदु पर निगरानी, हर संदिग्ध पर नज़र, यह रणनीति अब नियम बन चुकी है।
राजौरी में स्थिति और भी गंभीर रही। आधी रात के आसपास शुरू हुआ घेराबंदी और तलाशी अभियान सूर्योदय के साथ और आक्रामक हो गया। थानामंडी और मंजाकोट उपमंडलों के बीच स्थित गांवों में 49 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और विशेष अभियान समूह की संयुक्त टीमें तैनात रहीं। बेहरोते गली सहित कई इलाक़ों में घर-घर, जंगल-जंगल तलाशी जारी है। संदेश साफ़ है कि सूचना मिलते ही कार्रवाई और कार्रवाई तब तक जब तक इलाक़ा पूरी तरह सुरक्षित न हो जाए।
इस पूरे सुरक्षा परिदृश्य को राजनीतिक नेतृत्व का स्पष्ट समर्थन भी मिला है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दो-टूक कहा है कि 2019 के बाद हासिल की गई सुरक्षा उपलब्धियों की रक्षा हर हाल में की जानी चाहिए। आईआईटी जम्मू में आयोजित पहले केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय सुरक्षा सम्मेलन में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि घाटी, जंगलों, पहाड़ियों या गांवों, जहां कहीं भी आतंकवादी सक्रिय हैं, उन्हें और उनके समर्थकों को समाप्त किया जाना चाहिए। आतंकवाद, उसके समर्थक नेटवर्क और विचारधारा, के खिलाफ समन्वित कार्रवाई का आह्वान यह दिखाता है कि नीति और कार्रवाई के बीच कोई दूरी नहीं छोड़ी जाएगी।
कुल मिलाकर देखें तो जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य आक्रामक और निवारक रणनीति पर चल रहा है। पुंछ से लेकर राजौरी तक सेना की तैयारी, सांबा-किश्तवाड़ में तलाशी और शीर्ष नेतृत्व का स्पष्ट आदेश, ये सब मिलकर एक ठोस संदेश देते हैं कि आतंकवाद को न पनपने दिया जाएगा, न बच निकलने दिया जाएगा।
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