कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में रविवार को बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश हुई। कश्मीर में 40 दिन की सबसे कठोर शीत ऋतु की अवधि ‘चिल्ला-ए-कलां’ की शुरुआत के साथ घाटी के लोगों को लंबे शुष्क दौर के बाद काफी राहत मिली।
अधिकारियों ने यहां बताया, उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में स्थित गुलमर्ग में बर्फबारी हुई, जहां लगभग दो इंच बर्फ जमा हो गई है।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर-कारगिल राजमार्ग पर स्थित सोनमर्ग में रविवार सुबह बर्फबारी शुरू हुई, जो आखिरी सूचना मिलने तक जारी थी।
नियंत्रण रेखा के पास स्थित तंगधार सेक्टर को मुख्य कश्मीर घाटी से जोड़ने वाले साधना टॉप पर शनिवार रात से अब तक मध्यम बर्फबारी हुई है, जिससे लगभग छह इंच बर्फ जमा हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में रातभर हल्की बारिश शुरू हुई जो रुक-रुक कर जारी रही।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के दौरान घाटी में बर्फबारी और बारिश में बढ़ोतरी का पूर्वानुमान जताया है।
कश्मीर में हुई बारिश से लंबे समय से जारी शुष्क दौर का अंत हो गया। शुष्क दौर के कारण खासकर बच्चों और बुजुर्गों में खांसी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों के मामलों में वृद्धि हो गई थी।
चिल्ला-ए-कलां के पहले दिन हुई बारिश और बर्फबारी को स्थानीय लोग शुभ संकेत मानते हैं और इसे अच्छी बर्फबारी का अग्रदूत माना जाता है।
पिछले वर्ष शुष्क सर्दी के कारण स्थानीय निवासियों और पर्यटन से जुड़े लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
चिल्ला-ए-कलां (बड़ी ठंड) की अवधि 30 जनवरी को समाप्त होगी। इसके बाद ‘चिल्ला-ए-खुर्द’ (छोटी ठंड) और ‘चिल्ला-ए-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर आएगा।

