Tuesday, December 23, 2025
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माओवादियों के गढ़ मलकानगिरी में 22 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, शांति की ओर बढ़ा ओडिशा

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाईबी खुराना की उपस्थिति में एक औपचारिक समारोह के दौरान आत्मसमर्पण हुआ। आत्मसमर्पण करने वाले जवानों ने एके-47 राइफलों और सेल्फ-लोडिंग राइफलों (एसएलआर) सहित हथियारों का जखीरा जमा कराया और ओडिशा पुलिस नक्सल आत्मसमर्पण के बैनर तले उन्हें पारंपरिक शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया। ओडिशा के डीजीपी योगेश बहादुर खुराना ने कहा कि आज 22 नक्सलियों ने अपने हथियारों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण किए गए हथियारों में एके सीरीज राइफलें और इंसास राइफलें शामिल हैं। मुझे उम्मीद है कि अन्य नक्सली भी आत्मसमर्पण करेंगे और मुख्यधारा में शामिल होंगे। मैं सभी नक्सलियों से हिंसा छोड़ने की अपील करता हूं, क्योंकि सरकार ने उनके पुनर्वास के लिए सभी व्यवस्थाएं कर दी हैं।
 

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यह 2025 में ओडिशा में हुआ पहला बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण है और यह देश भर में नक्सल-विरोधी अभियानों में तेज़ी के बीच हुआ है। स्वाभिमान अंचल के पूर्व सीमावर्ती क्षेत्र का हिस्सा मलकानगिरी, ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर लंबे समय से माओवादियों का गढ़ रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले कैडर अब राज्य के पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल होंगे, जो वित्तीय सहायता, व्यावसायिक प्रशिक्षण और मुख्यधारा समाज में एकीकरण प्रदान करता है।
 

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राष्ट्रीय स्तर पर, 2025 में माओवादी गतिविधियों में भारी गिरावट आई है, जिसमें पूरे भारत में 1,225 आत्मसमर्पण, 270 निष्क्रियताएँ और 680 गिरफ्तारियाँ दर्ज की गई हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ इन घटनाक्रमों को माओवादी विचारधारा के क्षरण और सरकारी पहलों में बढ़ते विश्वास के प्रमाण के रूप में देखते हैं।
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