Tuesday, December 23, 2025
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कोलकाता मेसी इवेंट की पूरी सच्चाई आई सामने: 100 करोड़ का हिसाब, सुरक्षा में भारी चूक, मंत्री के दावों पर सवाल

कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के कार्यक्रम को लेकर जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उन्होंने पूरे आयोजन की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की पूछताछ में गिरफ्तार मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता ने कई अहम खुलासे किए हैं, जिनसे सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और प्रशासनिक दखल पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मौजूद जानकारी के अनुसार, दत्ता ने जांच अधिकारियों को बताया कि 13 दिसंबर को स्टेडियम में मौजूदगी के दौरान लियोनेल मेसी खुद असहज महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विदेशी सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मेसी को पीठ पर छूना या गले लगाना पसंद नहीं हैं। बावजूद इसके, मैदान पर मौजूद लोग लगातार उनके करीब पहुंचने की कोशिश करते रहे हैं। आयोजकों की ओर से बार-बार संयम बरतने की घोषणाएं की गईं, लेकिन हालात काबू में नहीं आ सके हैं। इसी वजह से मेसी को तय समय से पहले कार्यक्रम छोड़ना पड़ा।
भीड़ नियंत्रण को लेकर दत्ता ने बताया कि शुरुआत में केवल 150 ग्राउंड पास जारी किए गए थे। गौरतलब है कि बाद में एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति के स्टेडियम पहुंचने के बाद यह संख्या कथित तौर पर तीन गुना कर दी गई। दत्ता का दावा है कि इस फैसले में उनकी बात नहीं सुनी गई और पूरा कार्यक्रम फ्लो चार्ट बिगड़ गया। इसके बाद मैदान में आने-जाने पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं रह गया और हालात तेजी से बिगड़ते चले गए।
SIT अब इस बात की जांच कर रही है कि जिस प्रभावशाली व्यक्ति का जिक्र किया गया है, उसकी भूमिका कितनी निर्णायक रही। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या इसी हस्तक्षेप के कारण अनधिकृत लोगों को मैदान तक पहुंच मिली और सुरक्षा में गंभीर चूक हुई। इस पहलू को जांच का अहम बिंदु माना जा रहा हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास की मौजूदगी भी विवादों में हैं। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों में उन्हें पूरे कार्यक्रम के दौरान मेसी के बेहद करीब देखा गया हैं, जिसमें वे फोटो खिंचवाते वक्त मेसी की कमर पर हाथ रखे नजर आते हैं। उन पर रिश्तेदारों और परिचितों को मेसी तक पहुंच दिलाने का आरोप लगा। बढ़ते दबाव और आलोचना के बीच अरूप बिस्वास ने जांच पूरी होने तक अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
पूछताछ में सतद्रु दत्ता ने कार्यक्रम के खर्च को लेकर भी जानकारी दी हैं। उनके मुताबिक, मेसी को भारत दौरे के लिए 89 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था और करीब 11 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में सरकार को दिए गए हैं, जिससे कुल खर्च लगभग 100 करोड़ रुपये बैठता हैं। उन्होंने दावा किया कि इस राशि का 30 प्रतिशत हिस्सा स्पॉन्सरशिप से और 30 प्रतिशत टिकट बिक्री से आया।
जांच एजेंसियों ने दत्ता के फ्रीज किए गए बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पाई हैं और उनके आवास से कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। पुलिस अब इस बात की तस्दीक कर रही है कि यह पैसा वाकई टिकट बिक्री और प्रायोजन से जुड़ा हुआ हैं या नहीं हैं।
बता दें कि हजारों दर्शकों ने महंगे टिकट खरीदकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था हैं, लेकिन अव्यवस्था और अफरा-तफरी के कारण गैलरी से मेसी मुश्किल से दिखाई दिए हैं। इससे नाराज दर्शकों ने स्टेडियम में तोड़फोड़ भी की हैं। फिलहाल SIT तोड़फोड़, सुरक्षा में चूक, अनधिकृत पहुंच और आयोजकों व अधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच कर रही हैं।
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