Saturday, December 27, 2025
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बॉर्डर पर फटा चीनी रॉकेट लॉन्चर, सैनिकों के उड़ गए चिथड़े

एक कहावत तो आपने सुनी होगी कि चले तो चांद तक वरना शाम तक। यह बात अक्सर चीनी सामान को लेकर कही जाती है। भले ही चीन खुद को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक और सैन्य महाशक्ति कहता हो, लेकिन सच यह है कि उसके बनाए सामानों की गुणवत्ता पर आज भी दुनिया को भरोसा नहीं है। आपने देखा होगा कि हाल ही में बॉर्डर पर तनाव के दौरान जब पाकिस्तान ने चीनी मिसाइलें और ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए हमला करने की कोशिश की थी, तो कैसे भारत के हथियारों को आगे ये सब फुस हो गए थे। जिसके बाद दुनिया भर में चीन और उसके हथियारों की भारी बेइज्जती हुई थी। 

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एक बार फिर से थाईलैंड कंबोडिया युद्ध के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। कंबोडिया ने भी पाकिस्तान की तरह चीन के हथियारों का इस्तेमाल करके बड़ी गलती कर दी। कंबोडिया चीन के बने रॉकेट लांचर से थाईलैंड पर गोले दाग रहा था। लेकिन मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम ने धोखा दे दिया। ऐसा विस्फोट हुआ कि आठ कंबोडियाई सैनिक मारे गए। चीन के हथियारों का यह लाइव डेमो है। यूं ही नहीं चीन के सामान दुनिया में बदला में है। चीन के रॉकेट लांचर ने कंबोडिया से दगाबाजी कर दी। 
चीन के मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम से कंबोडिया थाईलैंड को निशाना बना रहा था। लेकिन कंबोडियाई सैनिक खुद ही शिकार बन गए। रॉकेट लांचर में धमाका हो गया और आठ कंबोडियाई सैनिक मारे गए। यानी कि थाईलैंड से तनाव में कंबोडिया को सस्ते चीनी हथियार भारी पड़ गए। ठीक वैसे ही जैसे चीन के हथियार ऑपरेशन सिंदूर में फेल हो गए थे। पाकिस्तान ने जिन चीनी मिसाइल ड्रोंस को लॉन्च किया था वो टारगेट से पहले से ही फुस हो गए थे। तब भी चीनी हथियारों की भदपिटी थी। अब सोशल मीडिया पर कंबोडिया की घटना का वीडियो खूब वायरल हो रहा है और लोग चीनी सामानों की खिल्ली उड़ा रहे हैं।
दरअसल फिर से बढ़ गई जंग में कंबोडिया और थाईलैंड एक से बढ़कर एक खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कंबोडिया ने भी थाईलैंड को सबक सिखाने के लिए चीन से मंगाया एम270 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम यूज़ करने का फैसला किया। यह भारत के पिनाका की तरह का रॉकेट सिस्टम है जिसके बारे में चीन का दावा है कि वह 1 मिनट में 44 रॉकेट फायर कर दुश्मन की धज्ज उड़ा सकता है। चीन के इसी भरोसे के बल पर कंबोडिया की सेना ने बॉर्डर पर इस सिस्टम को तैनात कर थाईलैंड पर फायर करना शुरू किया। कुछ ही सेकंड में साएं साएं करके कई रॉकेट तेजी से निकले। तभी एक रॉकेट देसी कट्टे की तरह लांचर के अंदर फंस गया और तेज धमाके के साथ ही वहीं पर फट गया जिसमें कंबोडिया के आठ सैनिकों की मौत हो गई जिसने फिर से यह साफ कर दिया कि चीन का माल ज्यादा देर तक नहीं टिकता है।
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