लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए पीएम नरेंद्र मोदी कहा कि जो लोग अपने मनोरंजन के लिए गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें संसद में गरीबों का जिक्र बोरिंग लगेगा। मैं उनका गुस्सा समझ सकता हूं। दरअसल, राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद मीडिया से बात करते हुए उसे बोरिंग बताया था। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा।
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मोदी ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस (ध्यान) जकूजी पर, स्टाइलिश शावर पर है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है। उन्होंने कहा कि हमने लाखों करोड़ रुपये की बचत की, लेकिन इसका उपयोग ‘शीशमहल’ बनाने पर नहीं, देश बनाने के लिए किया। राहुल पर बिना नाम लिए वार करते हुए उन्होंने कहा कि बुखार तेज होने पर लोग कुछ भी बोल देते हैं। लेकिन वे तब भी बातें बोलते हैं जब वे अत्यधिक निराश होते हैं। जो लोग भारत में पैदा नहीं हुए – ऐसे 10 करोड़ धोखेबाज विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सरकारी धन का लाभ उठा रहे थे। हमने ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोगों के नाम हटाए और वास्तविक लाभार्थियों को ढूंढकर उन्हें सुविधाएं दीं।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। मोदी ने दावा किया कि देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए। उन्होंने कहा कि हमने जनधन, आधार, मोबाइल की JAM Trinity बनाई और डायरेक्ट ट्रांसफर करना शुरू किया। हमारे कार्यकाल में हमने 40 लाख करोड़ रुपया सीधा जनता-जनार्दन के खाते में जमा किया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले… 10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। उन्होंने कहा कि हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने ‘शीशमहल’ बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम ने कहा कि हमारे सत्ता में आने से पहले, एलईडी बल्ब 400 रुपये में बेचे जाते थे। हमने ऐसे अभियान चलाए कि कीमतें 40 रुपये तक कम हो गईं। एलईडी बल्बों ने ऊर्जा संरक्षण में मदद की। इससे देश के लोगों के लगभग 20,000 करोड़ रुपये भी बचाए।