बड़े-बुजुर्ग हमेशा घर में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल बाहर उतारने और पैरों को धोने की सलाह देते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पल बाहर की नकारात्मक ऊर्जा को घर में लाते हैं, लेकिन इस परंपरा का धार्मिक और वास्तु कारण ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद और विज्ञान से भी गहरा संबंध है। आयुर्वेद के अनुसार, घर लौटने और सोने से पहले पैर धोना न केवल स्वच्छता बनाए रखता है, बल्कि मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण।
1. इंफेक्शन से बचाव
बाहर निकलने पर पैर धूल, गंदगी और बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं। यदि इन्हें धोया न जाए, तो बैक्टीरिया घर के अंदर फैल सकते हैं, जिससे त्वचा से जुड़ी समस्याएं और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
2. थकान और तनाव से राहत
दिनभर के काम के बाद पैरों में दर्द और अकड़न महसूस हो सकती है। ठंडे या गुनगुने पानी से पैर धोने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, नसों को आराम मिलता है और शरीर को ताजगी महसूस होती है।
3. एथलीट फुट जैसी समस्याओं से बचाव
दिनभर जूते पहनने से पैरों में पसीना आ सकता है, जिससे बैक्टीरिया और फंगस पनपने का खतरा रहता है। यदि पैर न धोए जाएं, तो यह बैक्टीरिया बिस्तर तक पहुंच सकते हैं और एथलीट फुट जैसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।
4. संक्रमण का खतरा कम होता है
फर्श पर चलते समय पैरों पर बैक्टीरिया और गंदगी चिपक सकती है। यदि बिना पैर धोए बिस्तर पर जाया जाए, तो यह धूल और कीटाणु मुंह, नाक और त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।
5. मानसिक शांति और बेहतर नींद
आयुर्वेद के अनुसार, रात को सोने से पहले पैर धोने से शरीर का तापमान संतुलित होता है, जिससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है। यह तनाव और बेचैनी को भी कम करने में सहायक होता है।
पैर धोने का सही तरीका
- घर में प्रवेश करने से पहले हाथों के साथ पैरों को भी धोएं।
- गर्मियों में ठंडे पानी और सर्दियों में गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
- बेहतर परिणाम के लिए पानी में नीम की पत्तियां या थोड़ा सा नमक मिला सकते हैं।