Wednesday, February 5, 2025
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कश्मीर में रिटायर्ड सैनिक की हत्या, 500 से अधिक लोग हिरासत में, सरकार का बड़ा ऐक्शन

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कश्मीर घाटी में एक बार फिर आतंकियों ने निशाना साधते हुए एक रिटायर्ड सैनिक की हत्या कर दी, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं। इस हमले के बाद सरकार और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। प्रशासन ने रातभर छापेमारी करते हुए करीब 500 लोगों को हिरासत में लिया या फिर पूछताछ के लिए समन जारी किया। यह अब तक का सबसे बड़ा ऐक्शन माना जा रहा है।

कौन लोग हिरासत में लिए गए?

पुलिस के अनुसार, जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें से अधिकांश के रिश्तेदारों का किसी न किसी आतंकवादी संगठन से संबंध रहा है। कई ऐसे भी हैं, जिनके करीबी रिश्तेदार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) या पाकिस्तान में रहकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं और सुरक्षा एजेंसियों के लिए वांछित हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि “कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर हिरासत में लिए जाने की यह पहली घटना है। हमने अभी तक सटीक संख्या जारी नहीं की है, लेकिन यह आंकड़ा 500 के करीब हो सकता है।”

इतना बड़ा ऐक्शन पहले कभी नहीं हुआ

इस बार सरकार और सुरक्षाबलों ने बेहद सख्त रवैया अपनाया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, “आतंकी हमले के बाद इतने बड़े पैमाने पर कभी कार्रवाई नहीं हुई।” यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि यह संदेश साफ दिया जा सके कि अब आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह सीमा के इस पार हो या उस पार।

कुलगाम में हुआ था हमला

यह आतंकी हमला दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के बेहीबाग गांव में हुआ था, जहां रिटायर्ड सैनिक मंजूर अहमद वागे और उनकी पत्नी को अज्ञात आतंकियों ने गोलियों से निशाना बनाया। इस हमले में मंजूर अहमद की भतीजी भी घायल हो गईं। हमले के तुरंत बाद मंजूर अहमद की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और भतीजी का इलाज जारी है और वे अब खतरे से बाहर हैं।

अमित शाह की बैठक और कड़ी कार्रवाई के संकेत

इस हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें कश्मीर की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया गया। इस बैठक में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि पीओके और पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

ओवरग्राउंड वर्कर्स पर भी कड़ी नजर

पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने न केवल आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, बल्कि उन लोगों को भी निशाने पर लिया है, जो सीधे तौर पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं, लेकिन उनके सहयोगी (ओवरग्राउंड वर्कर) के रूप में काम करते हैं।

अब आगे क्या?

  • सुरक्षा एजेंसियां संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही हैं।
  • सीमावर्ती इलाकों में सख्ती बढ़ा दी गई है।
  • आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
  • घाटी में आने-जाने वालों की सख्त निगरानी की जा रही है।

सरकार के इस कड़े कदम से आतंकियों को साफ संदेश मिल गया है कि अब भारत किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।

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