Saturday, July 12, 2025
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Ajit Doval के बयान पर भड़के Asim Munir ने कहा- सैन्य संघर्ष में हार के बाद प्रॉक्सी युद्ध की ओर बढ़ रहा है भारत

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के एक भाषण से पूरी पाकिस्तानी सेना बौखला उठी है। हम आपको बता दें कि अजित डोभाल ने आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में कहा था कि छह-सात मई की सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान में एक भी निशाना नहीं चूका था और भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में सटीकता से हमला कर नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने विदेशी मीडिया को चुनौती दी थी कि वह ऐसे किसी भी भारतीय ढांचे की एक भी तस्वीर दिखाए, जिसमें कोई नुकसान हुआ हो, एक कांच तक टूटा हो। देखा जाये तो अजित डोभाल ने चुनौती विदेशी मीडिया को दी थी लेकिन मिर्ची पाकिस्तान को लग गयी है क्योंकि वही वह देश है जोकि विदेशी मीडिया के माध्यम से फेक न्यूज और अपना झूठ आगे बढ़ाता है। अजित डोभाल के बयान पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख ऐसा भड़के हैं कि उन्होंने भारत पर ही तमाम आरोप लगा दिये हैं।
हम आपको बता दें कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने कहा है कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष में “स्पष्ट हार” का सामना करने के बाद भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ अपने “दुष्ट एजेंडे” को प्रॉक्सी (छद्म) संगठनों के माध्यम से दोगुनी गति से आगे बढ़ा रहा है। हम आपको यह भी याद दिला दें कि दो दिन पहले ही पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर पाकिस्तान में आतंकवाद की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत आतंकवादी संगठनों को समर्थन दे रहा है। इसी बात को दोहराते हुए, फील्ड मार्शल मुनीर ने गुरुवार को जनरल हेडक्वार्टर (GHQ) में आयोजित 271वें कोर कमांडर्स सम्मेलन (CCC) की अध्यक्षता करते हुए कहा कि “पहलगाम घटना के बाद पाकिस्तान के खिलाफ प्रत्यक्ष आक्रामकता में स्पष्ट हार के बाद, भारत अब ‘फ़ितना-ए-ख़वारिज़’ और ‘फ़ितना-ए-हिंदुस्तान’ जैसे प्रॉक्सियों के माध्यम से अपना दुष्ट एजेंडा आगे बढ़ा रहा है।”
हम आपको बता दें कि पिछले वर्ष जुलाई में पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को ‘फ़ितना-ए-ख़वारिज़’ घोषित किया था और सभी संस्थानों को निर्देश दिया था कि पाकिस्तान पर आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को ‘खारिजी’ (निर्वासित) कहा जाए। इस वर्ष मई में पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठनों को ‘फ़ितना-ए-हिंदुस्तान’ घोषित किया। हम आपको बता दें कि यह एक नया शब्द है जिसका उद्देश्य भारत की भूमिका को संदिग्ध बनाना है। पाकिस्तान की ISPR के एक बयान में कहा गया है कि CCC के प्रतिभागियों ने “भारत प्रायोजित प्रॉक्सियों” द्वारा हाल ही में किए गए आतंकी हमलों में शहीद हुए लोगों के लिए प्रार्थना की।
बयान में कहा गया है कि “आतंकी प्रॉक्सियों के खिलाफ हालिया सफलताओं की समीक्षा करते हुए, फोरम ने संकल्प लिया कि हमारे शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा और पाकिस्तान की जनता की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। फोरम ने यह भी जोर देकर कहा कि भारत समर्थित और प्रायोजित प्रॉक्सियों के खिलाफ सभी स्तरों पर निर्णायक और समग्र कार्रवाई आवश्यक है।” ISPR ने यह भी कहा कि फोरम ने भारतीय सेना के “तथ्यहीन आरोपों” पर ध्यान दिया, जो उसकी “पूर्ण हार” को छिपाने का प्रयास हैं। देखा जाये तो यह संभवतः भारतीय सेना के उप-प्रमुख के उस दावे की ओर संकेत था, जिसमें कहा गया था कि चीन ने संघर्ष के दौरान इस्लामाबाद को भारत की प्रमुख सैन्य स्थितियों की “सीधी जानकारी” दी थी।
ISPR ने फील्ड मार्शल मुनीर के हवाले से कहा कि “एक स्पष्ट द्विपक्षीय सैन्य संघर्ष में तीसरे पक्षों को घसीटना ‘ब्लॉक पॉलिटिक्स’ की एक कपटी कोशिश है, जिसका उद्देश्य भारत को क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में झूठा प्रस्तुत कर लाभ अर्जित करना है, जबकि यह क्षेत्र भारतीय वर्चस्ववादी महत्वाकांक्षाओं और हिंदुत्व प्रेरित उग्रवाद से स्पष्ट रूप से मोहभंग की ओर बढ़ रहा है।” बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने पाकिस्तान नौसेना और वायुसेना के नेतृत्व की सराहना की कि उन्होंने “त्रिसेवा समन्वय को और सुदृढ़ किया”। रिपोर्टों के मुताबिक इस बैठक में फील्ड मार्शल मुनीर ने देश की “सक्रिय और सफल” कूटनीतिक पहल की जानकारी भी साझा की, जिसमें ईरान, तुर्किये, अज़रबैजान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की हालिया यात्राएं शामिल थीं, जिनमें उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ भाग लिया।
बयान में कहा गया है कि फोरम को सेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा के बारे में भी जानकारी दी गई, जहाँ शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकों में पाकिस्तान ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अतिरिक्त-क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर अपना दृष्टिकोण प्रत्यक्ष रूप से साझा किया। ISPR ने बताया कि समापन टिप्पणी में सेना प्रमुख ने “पूरे खतरे के स्पेक्ट्रम” के खिलाफ पाकिस्तान सेना की ऑपरेशनल तैयारियों पर “पूर्ण विश्वास” जताया। देखा जाये तो पाकिस्तानी सेना ने अपनी बैठक में सिर्फ झूठ को आगे बढ़ाया।
बहरहाल, मुनीर के बयान से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक रणनीति अब भारत को खुले रूप में वैश्विक मंच पर “आक्रामक और षड्यंत्रकारी” के रूप में चित्रित करने की कोशिश में जुटी है। जबकि भारत बार-बार कहता रहा है कि वह सीमापार आतंकवाद का शिकार है, मगर पाकिस्तान अपने अंदरूनी संकटों से ध्यान हटाने के लिए भारत को दोषी ठहराने का प्रयास करता प्रतीत हो रहा है। 
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