Friday, March 14, 2025
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Assam: ‘झुमोर बिनंदिनी’ कार्यक्रम में शामिल हुए PM Modi, बोले- यह भारत की समृद्ध विविधता का प्रतीक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गुवाहाटी में सरुसजाई स्टेडियम में ‘झुमोइर बिनंदिनी’ कार्यक्रम में भाग लिया। यहां पहुंचने पर प्रतिभागियों ने उनका स्वागत किया। उनके साथ सीएम हिमंत बिस्वा सरमा भी थे। अपने संबोधन की शुरूआत में मोदी ने कहा कि इस जबरदस्त तैयारी में चाय के बागानों की खुशबू और खूबसूरती है और आप जानते हैं कि चाय की खुशबू और रंग को एक चाय बेचने वाले से बेहतर कौन जानता है? जैसे आपका चाय बागान संस्कृति से एक विशेष रिश्ता है, वैसे ही मेरा भी चाय बागानों से एक विशेष रिश्ता है। जब आप सभी कलाकार इतनी बड़ी संख्या में झुमोइर नृत्य प्रस्तुत करेंगे तो यह अपने आप में एक रिकॉर्ड बन रहा है।
 

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आपको बता दें कि राज्य की चाय जनजातियों के पारंपरिक लोक नृत्य झुमुर के इस अभूतपूर्व प्रदर्शन में असम के 27 जिलों के 8,600 से अधिक नर्तक और संगीतकार भाग ले रहे हैं। लाइनअप में 5,399 महिला नर्तक, 2,175 पुरुष नर्तक और 2,074 संगीतकार शामिल हैं, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा झुमुर प्रदर्शन बनाता है। इस आयोजन से विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने और वैश्विक मंच पर असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने की उम्मीद है। असम के चाय उद्योग की 200वीं वर्षगांठ के अवसर पर होने वाले इस कार्यक्रम में दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा झुमुर नृत्य प्रदर्शन होगा। इस उत्सव का उद्देश्य असम के चाय बागान समुदायों की समृद्ध विरासत का सम्मान करना, राज्य की पहचान को आकार देने में उनके सांस्कृतिक योगदान और ऐतिहासिक महत्व को उजागर करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में आज यहां अद्भुत माहौल है। ऊर्जा से भरा हुआ माहौल है। उत्साह, उल्लास और उमंग से ये पूरा स्टेडियम गूंज रहा है। झूमर नृत्य के आप सभी कलाकारों की तैयारी हर तरफ नजर आ रही है। इस जबरदस्त तैयारी में चाय बगानों की सुगंध भी है और उनकी सुंदरता भी है। उन्होंने कहा कि मैं असम के काजीरंगा में रुकने वाला, दुनिया को उसकी जैव विविधता के बारे में बताने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं। हमने कुछ ही महीने पहले असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा भी दिया है। असम के लोग अपनी भाषा के इस सम्मान का इंतजार दशकों से कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ये भव्य आयोजन असम के गौरव से जुड़े हैं और भारत की समृद्ध विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं। विभिन्न देशों के 60 से अधिक राजदूत असम का अनुभव लेने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले, हमने असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया था। यह मान्यता असम के लोगों के लिए एक लंबे समय से प्रतीक्षित सम्मान रही है, जो दशकों से इसकी मांग कर रहे थे। इसके अलावा, असम के चराइदेव मोइदाम को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इस मान्यता को प्राप्त करने में भाजपा सरकार के प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
 

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मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार असम के विकास के साथ-साथ चाय जनजातियों को भी समर्थन देने के लिए काम कर रही है। चाय श्रमिकों की आय में सुधार के लिए असम चाय निगम के कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की गई है। यह पहल चाय बागानों में काम करने वाली महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लगभग 1.5 लाख गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक को ₹15,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
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