Monday, December 29, 2025
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Bangladesh में हिंदुओं को बमों से मारने जा रहा था कट्टरपंथी, खुद ही उड़ गया!

जो दूसरों के लिए गड्ढे खोदता है उसमें एक दिन वो खुद भी गिरता है और जिस नफरती आग से दूसरों को जलाने की कोशिश होती है उसमें खुद भी एक दिन वही जलकर मारे जाते हैं। ऐसा कुछ पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश में भी हो रहा है। मजहब की बुनियाद पर बने पाकिस्तान में किस तरह से हिंदुओं पर जुल्मो सितम ढाए गए। उनका जबरन धर्मांतरण कराया गया। उनकी महिलाओं के साथ रेप किए गए जिसके चलते हिंदुओं को वहां से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन आज पाकिस्तान अपने इसी बुरे कर्म का फल भोग रहा है। जिस जिहादियों को उसने तैयार किया आज वही बम विस्फोट के जरिए पाकिस्तान को दहला रहे हैं। आए दिन ऐसी खबरें भी सामने आती रहती हैं कि जिन बमों को दूसरों को उड़ाने के लिए जिहादी बना रहे थे वहां अचानक ऐसा धमाका हुआ कि वो खुद ही मारे गए। 

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अब ऐसा ही कुछ बांग्लादेश में भी देखने को मिलने लगा है। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से हिंदुओं को टारगेट करके कट्टरपंथियों की भीड़ हमले कर रही थी। अब इस जमात के उल्टे दिन शुरू हो गए। दरअसल बांग्लादेश में मारकाट के बीच अब बम धमाके शुरू हो गए। इन धमाकों में अब उन्हीं को नुकसान हो रहा है जिन्हें ये हिंदुओं को मारने के लिए बना रहे हैं। कुछ ही घंटे के अंदर बांग्लादेश से दो बम धमाकों की खबरें सामने आई और ये दोनों ही धमाके बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए। पहला धमाका मोक बाजार फ्लाई ओवर के पास हुआ जिसमें सैफुल नाम के युवक के चिथड़े हो गए। उसकी वहीं मौके पर ही मौत हो गई और आसपास भी काफी नुकसान देखने को मिला। तो इसके कुछ ही घंटों बाद दूसरा धमाका ढाका के ही एक मदरसे में हुआ। 

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अब इस धमाके को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खुलासा हुआ है कि इस मदरसे में बम बनाने की फैक्ट्री चल रही थी और इन बमों का इस्तेमाल हिंदुओं के इलाके में धमाके करने के लिए किया जाना था। मदरसे का डायरेक्टर शेख अल अमीन, उसकी पत्नी आसिया बेगम और उसके दो छोटे बेटे और पड़ोस में रहने वाला हुमायूं कबीर समेत पांच लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। धमाका इतना तेज था कि कमरे की दीवारें उड़ गई। गनीमत यह रही कि जिस वक्त मदरसे में ब्लास्ट हुआ उस समय वहां छात्र मौजूद नहीं थे। नहीं तो भयानक मंजर देखने को मिल सकता था।

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मदरसे को ढाल के तौर पर इस्तेमाल करके बड़ी साजिश रची जा रही थी। वो भी ऐसे वक्त में जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। लेकिन कहते हैं कि जैसा वो वैसा ही एक दिन काटना भी पड़ेगा। 
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