Bangladesh Lodges Protest: बांग्लादेश सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत में जारी गतिविधियों को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। ढाका सरकार का कहना है कि हसीना भारत में रहते हुए झूठे और मनगढ़ंत बयान दे रही हैं, जिससे बांग्लादेश में अशांति और अस्थिरता का माहौल पैदा हो रहा है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को लेकर भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को औपचारिक विरोध पत्र सौंपा, जिसमें भारत से हसीना की गतिविधियों पर गंभीर चिंता और आपत्ति जताई गई है।
बांग्लादेश का आरोप: शेख हसीना फैला रही हैं अस्थिरता
बांग्लादेश सरकार के मुताबिक, शेख हसीना ने 5 फरवरी को सोशल मीडिया पर एक भाषण दिया, जिसके बाद देश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। उन्होंने अपने संबोधन में लोगों से मौजूदा शासन के खिलाफ संगठित प्रतिरोध का आह्वान किया।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि:
- हसीना के बयानों से देश में अस्थिरता का माहौल बन रहा है।
- उनकी टिप्पणियां बांग्लादेश के प्रति शत्रुतापूर्ण कृत्य हैं।
- यह दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले किसी भी बयान या गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारत में पिछले छह महीने से रह रहीं शेख हसीना
77 वर्षीय शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं। वे उस समय बांग्लादेश छोड़कर आई थीं, जब देश में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे थे। इन प्रदर्शनों के कारण उनकी अवामी लीग सरकार, जो पिछले 16 वर्षों से सत्ता में थी, गिर गई।
अब हसीना भारत में रहकर डिजिटल माध्यमों से अपने समर्थकों को संबोधित कर रही हैं, जिससे बांग्लादेश सरकार और मौजूदा शासन नाराज है।
अवामी लीग के नेताओं पर हमले, स्मारकों में तोड़फोड़
बांग्लादेश में हसीना के भाषण के बाद बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले।
- अवामी लीग पार्टी के कई नेताओं के घरों पर हमला किया गया।
- प्रदर्शनकारियों ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित स्मारक में तोड़फोड़ की।
- शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
“बुलडोजर जुलूस” के ऐलान के बाद हिंसा भड़की
सोशल मीडिया पर “बुलडोजर जुलूस” का आह्वान किया गया, जिसके बाद ढाका के धानमंडी इलाके में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए।
इस दौरान:
- मुजीबुर रहमान के आवास के बाहर आगजनी और तोड़फोड़ हुई।
- अवामी लीग से जुड़े कई संगठनों के कार्यालयों को गिरा दिया गया।
- हसीना के डिजिटल संबोधन से ठीक पहले हिंसा और अराजकता फैल गई।
शेख हसीना का जवाब: “वे इमारत गिरा सकते हैं, इतिहास नहीं”
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री हसीना ने कहा:
“वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं… बल्कि उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।”
उनके इस बयान के बाद हिंसा और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर?
बांग्लादेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण और सहयोग की उम्मीद करता है।
- ढाका को डर है कि हसीना भारत से अपने समर्थकों को भड़काने का काम कर सकती हैं।
- भारत सरकार इस पूरे मामले पर सतर्क नजर बनाए हुए है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है।
आगे क्या होगा?
अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इस मामले में कूटनीतिक कदम उठाती है या तटस्थ रुख अपनाती है। वहीं, बांग्लादेश में अवामी लीग समर्थकों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव और बढ़ सकता है।
स्थिति को शांत करने के लिए बांग्लादेश सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं, जबकि भारत को भी अपने रुख को लेकर स्पष्टता लानी होगी।