Tuesday, December 30, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयBharatiya Janata Party: आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य से दूर है BJP, ऐसे...

Bharatiya Janata Party: आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य से दूर है BJP, ऐसे तय किया 21 से 77 तक का सफर

बिहार की राजनीति का यह एक कड़वा सच है कि कोई भी दल अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा सका है। हालांकि कभी कुछ दलों ने साहस जुटाया भी, तो परिणाम ने औंधे मुंह गिरा दिया। साल 1990 के बाद से बिहार की राजनीति का हाल ऐसा ही रहा। बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है, जिसका ग्राफ साल 2015 के विधानसभा चुनाव को छोड़कर लगातार बढ़ता रहा है।
अगर आप राज्य में भारतीय जनता पार्टी की उपलब्धि को देखेंगे, तो पाएंगे कि साल 2015 के बाद से भाजपा का बिहार में ग्राफ ऊपर उठा है। साल 2015 में पार्टी के खाते में 53 और 2020 में 74 सीटें आईं। अगर बिहार भाजपा की बात की जाए, तो पार्टी का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। राज्य में पार्टी की यात्रा 21 सीटों के साथ शुरू हुई थी। वहीं वर्तमान समय में भाजपा बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है।

इसे भी पढ़ें: Janata Dal United: जानिए बिहार में कैसी रही जेडीयू की सियासी पारी, ऐसे हुआ था पार्टी का गठन

इसके साथ ही भाजपा लंबे समय से बिहार की सत्ता में भागीदार है, लेकिन अभी तक पार्टी के हाथों सरकार की कमान नहीं आई है। जिसका मतलब यह हुआ कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य के अभी भी दूर है।

बिहार बीजेपी

औपचारिक रूप से 06 अप्रैल 1980 को भाजपा का गठन हुआ था। वहीं अकेले दम पर वर्तमान समय में पार्टी देश की सत्ता पर काबिज है। पार्टी के पहले प्रदेश अध्यक्ष जगदंबी यादव थे। वहीं बिहार में भाजपा ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन साल 1962 के तीसरे विधानसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ के तीन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।
जब अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ, तो उस दौरान जब बिहार विधानसभा चुनाव हुए, तो पार्टी ने 324 सीटों वाली विधानसभा में 21 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं साल 1985 के चुनाव में पार्टी को 5 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। साल 1990 में पार्टी ने 40 सीटें जीतीं और 1995 में पार्टी को 41 सीटें मिल सकीं।
साल 2005 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को गठबंधन से 2 सीटों का लाभ मिला। फिर 2005 के चुनावों में बीजेपी ने 102 उम्मीदवार उतारे और 55 सीटों पर जीत मिली। साल 2010 में 91 सीटें जीतने में कामयाब रही। आज के समय में भारतीय जनता पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है। बिहार में बीजेपी के कुल 77 विधायक हैं। हालांकि पार्टी को यह कसक जरूर है कि बिहार में उसको सत्ता तो मिली, लेकिन सत्ता की कमान अब तक नहीं मिली।

फर्श से अर्श तक का सफर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है, लेकिन अभी भी पार्टी को और दूरी तय करनी बाकी है। भाजपा राज्य में स्वावलंबी होना चाहती है, जिसके लिए पार्टी नेता लगातार मेहनत कर रहे हैं। कैलाशपति मिश्र समेत कई नेताओं ने राज्य में पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा है। जिस कारण आज राज्य में भाजपा नंबर 1 का तमगा हासिल कर चुकी है। अब बिहार में भाजपा आत्मनिर्भर होना चाहती है।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments