Monday, October 20, 2025
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Bihar: आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में हुई बढ़ोतरी पर लगी मुहर

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मासिक मानदेय में बढ़ोतरी कर दी है। इसके तहत सेविका को अब 7 हजार के स्थान पर 9 हजार रुपये तथा सहायिका को 4 हजार से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे। इसके लिए राज्य योजना मद से प्रतिवर्ष 345 करोड़ 19 लाख 20 हजार रुपये अतिरिक्त व्यय की मंजूरी कैबिनेट से दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में 25 एजेंडों को सहमति दी गई। इससे संबंधित विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने सूचना भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
 

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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में राजस्व कर्मचारी के 3 हजार 303 नए पद की मंजूरी दी गई है। इन नए पदों पर कर्मियों की बहाली तेजी से बढ़ती जमाबंदी के मामलों का निपटारा करने के उदेश्य से किया गया है।  

1 सितंबर से मिलेगी बढ़ी हुई राशि 

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को मानदेय की बढ़ी हुई राशि 1 सितंबर के प्रभाव से ही मिलेगी। आईसीडीएस (समेकित बाल विकास योजना) के क्रियान्वयन में सेविकाओं या सहायिकाओं की भूमिका मुख्य रूप से है। बढ़ती महंगाई एवं मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए इनके मानदेय में बढ़ोतरी की गई है, जिससे उनके जीवन में सुधार होगा। साथ ही उनके कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

कन्या विवाह मंडप के लिए राशि जारी

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के तहत सूबे की 8 हजार 53 पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से विवाद मंडप का निर्माण कराने के लिए राज्य योजना मद में बिहार आकस्मिकता निधि से 50 करोड़ रुपये जारी की गई है। यह नई योजना है, इस वजह से आकस्मिक निधि से अग्रिम राशि मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य को समय पर पूर्ण करने के लिए 100 करोड़ रुपये राशि की स्वीकृति दी गई है। यह राशि राज्य योजना मद में बिहार आकस्मिक निधि से जारी की गई है।

पटना में बनेगा जीविका का मुख्यालय     

इसके अलावा कैबिनेट में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर भी सहमति बनी है। इसके तहत बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) के राज्य स्तरीय कार्यालय यानी जीविका मुख्यालय का निर्माण पटना में करने के लिए 73 करोड़ 66 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत लोक उदेश्य के कार्यों तथा विभिन्न तरह की आधारभूत संरचना मसलन नाला, सड़क, प्रशासनिक भवन, सम्राट अशोक भवन, मोक्षधाम या शवदाह गृह, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत कंपोस्ट प्लांट, तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सीवरेज या सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट समेत अन्य के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। इससे शहरों का सौंदर्यीकरण, आधारभूत संरचना का निर्माण एवं नागरिक सुविधा का विकास हो सकेगा। 

6 शहरों में बनेगा एलपीजी शवदाह गृह

वहीं, कोयंबटूर स्थित ईशा फाउंडेशन को छह शहरों पटना, गयाजी, छपरा, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय में गैस (एलपीजी) आधारित शवदाह गृह की स्थापना एवं संचालन के लिए इन शहरों में एक-एक एकड़ भूमि 1 रुपये के टोकन पर इस फाउंडेशन को लीज पर दी गई है। नगर निगम स्तर पर योजना प्रभाग के गठन की मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत सहायक नगरपालिका योजना पदाधिकारी का पद सृजित किया गया है। नगरपालिकाओं को सौंपे गए दायित्वों एवं कार्यों के निर्वहन में सुगमता के उदेश्य से इन पदों पर नियमित नियुक्ति जरूरी है। नगर निकायों में लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर नगरपालिका विधि सेवा नियमावली, 2025 की स्वीकृति प्रदान की गई है।

नए थानों में भी लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

श्री अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य के 176 नए थानों में सीसीटीवी कैमरे और डैशबोर्ड का निर्माण कराने तथा भविष्य में बनने वाले सभी नए थानों में भी इन्हें लगाने के लिए राशि मंजूर की गई है। जिन पुराने थानों का फिर से उद्धार किया गया है, उनमें भी सीसीटीवी लगाए जाएंगे। इसके लिए 280 करोड़ 60 लाख 79 हजार रुपये की मंजूरी दी गई है।
 

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उदेरास्थान वीयर योजना का होगा विकास

जहानाबाद जिला अंतर्गत सिंचाई प्रमंडल उदेरास्थान के अधीन उदेरास्थान बराज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इससे संबंधित चल रहे मुकदमा का निपटारा होने के बाद इसके निर्माण के लिए 651 करोड़ 13 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए संवेदक के साथ समझौता हो गया है। बराज का निर्माण के साथ पहले से निर्मित उदेरास्थान वीयर योजना की नहर प्रणालियों का आधुनिकीकरण कार्य कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की हुई घोषणा

मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की घोषणा की गई है। इसके लिए 121 फेलो का चयन करने और दो वर्ष के लिए इस योजना के संचालन पर 31 करोड़ 85 लाख 88 हजार 900 रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके तहत चयनित विशेषज्ञों को बोधगया स्थित आईआईएम से अनुबंध किया गया है। चयनित फेलो को प्रति महीने एक निश्चित राशि 1.50 लाख, 1.25 लाख, 1 लाख और 80 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय के तौर पर दी जाएगी। इन्हें अलग-अलग विभागों में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय में 4 पद, डिप्टी सीएम कार्यालय में 2, मुख्य सचिव कार्यालय एवं विकास आयुक्त कार्यालय में 2-2 पद के अलावा अन्य विभागों में एक-एक पद और प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और नगरपालिका आयुक्त कार्यालय में भी एक पद रखा गया है।
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