बिहार की सियासत में बुधवार का दिन सचमुच ‘सुपर वेडनेस डे’ साबित हुआ। एक ओर एनडीए के तीन बड़े चेहरे— केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मैदान में उतरकर विपक्ष पर प्रहार करते दिखे, तो दूसरी तरफ राहुल गांधी ने बिहार की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ताबड़तोड़ हमले बोले।
दरभंगा की सभा में अमित शाह ने महागठबंधन को “ठगबंधन” बताते हुए कहा कि “लालू प्रसाद अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री और सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं, लेकिन दोनों पद रिक्त नहीं हैं।” उन्होंने मिथिला की बेटी सीता का स्मरण करते हुए कहा कि “राजग ने मिथिला की अस्मिता को सम्मान दिया— मैथिली को आधिकारिक भाषा का दर्जा और पुनौराधाम में माता सीता मंदिर का निर्माण इसका प्रमाण है।” शाह ने अनुच्छेद 370, आतंकवाद और पीएफआई पर राजद-कांग्रेस की “ढिलाई” को निशाना बनाते हुए कहा कि “राजग किसी भी कीमत पर देशविरोधी ताकतों को बाहर नहीं आने देगा।”
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वहीं दरभंगा की ही एक रैली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “बिहार के एक पूर्व मुख्यमंत्री का पूरा परिवार भ्रष्टाचार में डूबा है। मुद्दा साफ है— बिहार को विकास चाहिए या जंगलराज?” उन्होंने कहा कि “संप्रग ने बिहार को 10 साल में दो लाख करोड़ दिए, जबकि मोदी सरकार ने 11 साल में 15 लाख करोड़।” राजनाथ ने नीतीश कुमार की ईमानदारी को “बिहार का सबसे बड़ा पूंजी” बताते हुए कहा कि “इतने ईमानदार व्यक्ति पर उंगली उठाना बिहार की जनता का अपमान है।”
उधर, सीवान की सभा में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “राजद-कांग्रेस जैसी ताकतें अपराधियों को गले लगाती हैं, लेकिन बिहार की डबल इंजन सरकार उन्हें कभी बख्शेगी नहीं।” योगी ने चेतावनी दी, “जो ताकतें जंगलराज को जिंदा करना चाहती हैं, उन्हें शुरुआत में ही खत्म कर देंगे। सरकार की नीति साफ है— अराजकता फैलाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, बाकी के लिए बुलडोजर तैयार है।”
उधर, मुजफ्फरपुर के सकरा में राहुल गांधी ने एनडीए पर तीखे वार करते हुए कहा कि “नीतीश कुमार का सिर्फ चेहरा इस्तेमाल हो रहा है, रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ में है।” उन्होंने कहा कि “मोदी जी और भाजपा सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं। बिहार को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार चाहिए, न कि अदाणी को एक रुपये में जमीन।” राहुल ने मोदी पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं— अगर कहो नाचो, तो वो नाच भी लेंगे।”
देखा जाये तो बुधवार को बिहार में चुनावी जंग अपने चरम पर पहुंच गई। एनडीए के “तीन शेरों” ने महागठबंधन पर हमला बोला तो राहुल ने जवाबी तीर छोड़ा। साफ है, बिहार की धरती पर अब महाभारत का शंखनाद हो चुका है— एक ओर “डबल इंजन” की सरकार, दूसरी ओर “सामाजिक न्याय” का झंडा। कौन जीतेगा? इसका फैसला जनता के बटन से होगा।

