Wednesday, October 15, 2025
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Bihar Assembly Election | बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दलबदल का सिलसिला जारी, संतोष कुशवाहा से लेकर राहुल शर्मा तक

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं के दलबदल का दौर तेज हो गया है, जहां कई नेता अपने पुराने दलों को न केवल छोड़ रहे हैं बल्कि उन पर तीखे हमले भी कर रहे हैं। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शनिवार शाम तक विधानसभा चुनावों के लिए अपने सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा कर सकता है। जायसवाल ने कहा कि सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा पूरी हो गई है और आम सहमति बन गई है। उन्होंने कहा, “सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा शनिवार शाम तक पटना या दिल्ली में की जा सकती है।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि अगले दो दिनों में राजद के छह से ज़्यादा विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। शुक्रवार को, राजद के दो विधायकों – भरत बिंद और संगीता कुमारी – ने अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया और विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने उनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। बिंद बभुआ से जीते थे, जबकि कुमारी कैमूर ज़िले के मोहनिया से चुनी गई थीं। दोनों विधायकों ने फरवरी 2024 में हुए शक्ति परीक्षण के दौरान नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का समर्थन किया था।

विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने पहले पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से उनकी सदस्यता रद्द करने की माँग की थी, लेकिन उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई।

इस बीच, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एनडीए के भीतर सीट बंटवारे और बिहार चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने पर चर्चा के लिए शनिवार को एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि भाजपा के साथ चिराग का समझौता लगभग तय हो गया है।

बिहार में दलबदल का दौर तेज

पूर्णिया से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के दो बार के सांसद रहे संतोष कुशवाहा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि उन्हें पूर्णिया जिले की किसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

कुशवाहा 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में जदयू के टिकट पर जीते थे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव से हार गए थे।
उन्होंने इस हार के लिए स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जदयू नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था, ‘राज्य पार्टी अध्यक्ष की स्थिति अब मात्र एक चौकीदार जैसी रह गई है।’

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कुशवाहा के अलावा जदयू के पूर्व विधायक राहुल शर्मा भी राजद में शामिल हो गए हैं। वह 2015 से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज बताए जाते हैं। उन्हें जहानाबाद जिले की घोसी सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलें हैं।
खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से जदयू विधायक डॉ.संजीव कुमार सिंह ने भी पिछले सप्ताह राजद का दामन थाम लिया था।

उन्होंने नीतीश सरकार को ‘‘बिहार के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकारों में से एक’’ बताया। हालांकि, जदयू सूत्रों का कहना है कि सिंह के दल बदलने की असली वजह उनकी सीट पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के भाई को टिकट मिलने की संभावना थी।
वहीं, राजद और कांग्रेस के भी कई विधायक भाजपा या जदयू का रुख कर रहे हैं।

नेताओं के दल बदलने को लेकर भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, ‘‘अभी महागठबंधन के एक दर्जन विधायक पाला बदलने को तैयार बैठे हैं और हमारे संपर्क में हैं।’’
इसी बीच, दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर तेज हो गया है। हालांकि किसी भी पक्ष ने अभी अंतिम फार्मूला घोषित नहीं किया है।

भाजपा की चुनाव समिति के सदस्य और प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, ‘‘बैठकें लगभग पूरी हो चुकी हैं, सीट बंटवारे की अंतिम घोषणा दिल्ली में शनिवार को होगी। इससे पहले नेताओं के आने-जाने का सिलसिला चलता रहेगा।’’
सूत्रों के अनुसार, राजद गठबंधन में ‘‘एक मामूली अड़चन’’ शेष है क्योंकि मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) अधिक सीट की मांग कर रही हैं।

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भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सीट-बंटवारे की बातचीत दिल्ली में अंतिम चरण में है।
उन्होंने बताया कि चिराग पासवान ने अपनी शुरुआती 40 सीट की मांग घटाकर लगभग 25 सीट पर सहमति जता दी है। इस विषय पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और चुनाव प्रभारी बीते दो तीन दिन से चिराग पासवान के साथ बैठक कर रहे थे।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान छह और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

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