बिहार राज्य में चुनाव का बिगुल बस बचने ही वाला है। राज्य की सभी पार्टियां पूरी तरह से एक्टिव है। खास तैर पर लंबे समय से सुर्खियों से दूर रहने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। नीतीश लगातार और पिछले कुछ दिनों से बड़े ऐलान कर रहे हैं। नीतीश कुमार राज्य स्तर पर कार्य कर रहे कुछ कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का लगातार कर रहे हैं। पिछले हाल ही में उन्होंने आशा- ममता कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई थी अब सरकारी स्कूलों में कार्यरत रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों की सैलरी को दोगुना कर दिया। यह सब ऐलान ठीक चुनाव से पहले किए जा रहे हैं।
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बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने शुक्रवार को सरकारी स्कूलों में कार्यरत रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय दोगुना कर दिया।
यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने में कुछ महीने शेष हैं।
मुख्यमंत्री कुमार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में रसोइयों, रात्रि प्रहरियों तथा शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने उनके मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि करते हुए इसे दोगुना करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तहत काम करने वाले रसोइयों को अब 1,650 रुपये के बजाय 3,300 रुपये प्रति माह मिलेंगे। रात्रि प्रहरियों का मानदेय दोगुना करके 10,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय दोगुना कर 16,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है तथा उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है।
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मुख्यमंत्री ने कहा, इससे कार्यरत कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक उत्साह और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
कुमार ने कहा कि 2005 में उनकी सरकार बनने के बाद से वह शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, वर्ष 2005 में कुल शिक्षा बजट 4,366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 77,690 करोड़ रुपये हो गया है। बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति, नए स्कूल भवनों के निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं।
नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हमलोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वर्ष 2005 में शिक्षा का कुल बजट 4366 करोड़ रूपए था जो अब बढ़कर 77690 करोड़ रूपए हो गया है। बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति, नए विद्यालय भवनों के निर्माण एवं आधारभूत संरचनाओं…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 1, 2025