बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से ठीक पहले एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के शीर्ष नेताओं ने गुरुवार (18 दिसंबर) को महत्वपूर्ण वार्ता की और सीट बंटवारे पर एक अहम समझौता किया, जिससे मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ सकता है। एशिया के सबसे धनी नगर निकाय, बीएमसी की 227 सीटों पर चुनाव होने हैं, ऐसे में गठबंधन का लक्ष्य विपक्षी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अपनी शक्ति को मजबूत करना है। यह बैठक एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें न केवल संख्या बल पर बल्कि चुनावों के लिए एक ठोस रणनीति पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
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150 सीटों का बंटवारा, 77 पर अभी भी चुनावी दौड़ जारी
चर्चा का मुख्य बिंदु सीटों का आवंटन था, जिस पर दोनों दलों ने कुल 227 वार्डों में से 150 वार्डों के बंटवारे पर सहमति जताई। इससे 77 सीटें अभी भी खाली हैं, जिन पर नेताओं ने अगले दो से तीन दिनों के भीतर बातचीत पूरी करके अंतिम समझौते को अंतिम रूप देने का वादा किया है। वार्ता से जुड़े सूत्रों ने सकारात्मक संकेत दिए, जिससे पता चलता है कि गठबंधन धनी बीएमसी में अपनी अधिकतम सीटें जीतने के लिए उन गढ़ों को प्राथमिकता दे रहा है जिन पर जीत हासिल की जा सकती है। बीएमसी का बजट कई भारतीय राज्यों से भी अधिक है।
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शीर्ष नेताओं द्वारा अंतिम सीट निर्धारण
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शेष 77 सीटों पर संयुक्त रूप से निर्णय लेंगे और जल्द ही औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है। गठबंधन स्तर की वार्ता अब अंतिम चरण में पहुंच गई है और सीट बंटवारे के फार्मूले पर गहन विचार-विमर्श लगातार जारी है। राजनीतिक गलियारों में यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सीट बंटवारे की पूरी योजना अंतिम रूप ले लेगी, जिससे बीएमसी चुनावों में भाजपा-शिवसेना के संयुक्त अभियान का मार्ग प्रशस्त होगा।

