Monday, August 4, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयBrahMos Missile ने बढ़ाई Philippines की ताकत, और हथियार खरीदने के लिए...

BrahMos Missile ने बढ़ाई Philippines की ताकत, और हथियार खरीदने के लिए भारत यात्रा पर पहुँचे President Ferdinand R. Marcos Jr

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर 5 दिवसीय राजकीय यात्रा पर आज भारत पहुँचे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा, व्यापार और समुद्री सहयोग को और सुदृढ़ करना है। हम आपको बता दें कि मार्कोस जूनियर की यह भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है, जो उन्होंने 2022 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद की है। यह यात्रा उस समय हो रही है जब दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, जो इसे एक विशेष सांकेतिक महत्व भी प्रदान करती है। मार्कोस जूनियर ने आज नयी दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की। मंगलवार को उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होगी।
हम आपको बता दें कि फिलीपींस भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल खरीदने वाला पहला देश बना है। अप्रैल 2024 में इस प्रणाली की पहली खेप मनीला पहुँच चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस के बीच 5 अगस्त को प्रस्तावित द्विपक्षीय वार्ता में और भी रक्षा सौदों पर समझौते होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि फिलीपींस ने भारत से अधिक रक्षा उपकरण खरीदने की इच्छा जताई है। यह न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देगा, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा में भी योगदान देगा। हम आपको बता दें कि फिलीपींस के सशस्त्र बलों के प्रमुख रोमियो ब्रॉनर के अनुसार, फिलीपींस भारतीय हथियार प्रणालियों की गुणवत्ता और किफायती कीमत से प्रभावित है। हम आपको बता दें कि दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता के बीच, फिलीपींस ने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को प्राथमिकता देना शुरू किया है। भारत के लिए भी यह क्षेत्र ‘विजन महासागर’ और इंडो-पैसिफिक रणनीति का एक अहम हिस्सा है।

इसे भी पढ़ें: रक्षा संबंधों को मिलेगा बढ़ावा…4 अगस्त से भारत दौरे पर आ रहे हैं फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर

हम आपको बता दें कि भारत और फिलीपींस के राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे। 1992 में भारत की लुक ईस्ट पॉलिसी और बाद में ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी ने इस रिश्ते को नई दिशा दी। इस साझेदारी को ASEAN मंचों पर सहयोग ने और अधिक मजबूती दी है। हाल ही में अक्टूबर 2024 में लाओ पीडीआर में ASEAN-India समिट के दौरान और 2023 में जकार्ता में हुई बैठकें इस निरंतर संवाद का प्रमाण हैं। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से, भारत और फिलीपींस के बीच सांस्कृतिक संबंध भी गहरे रहे हैं। टैगालोग भाषा में संस्कृत मूल के अनेक शब्द पाए जाते हैं, और लागुना कॉपरप्लेट शिलालेख तथा अगुसान तारा मूर्ति जैसे पुरातात्विक साक्ष्य सदियों पुराने सांस्कृतिक संपर्क को प्रमाणित करते हैं।
राष्ट्रपति मार्कोस के साथ उनकी पत्नी लुइस अरानेटा मार्कोस, कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और व्यापार प्रतिनिधि भी भारत आये हैं। यह उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में नई संभावनाओं का अन्वेषण करेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति मार्कोस की यात्रा से रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम मिलेगा, जिसमें समुद्री सुरक्षा, रक्षा उत्पादन और क्षेत्रीय स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नयी दिल्ली के कार्यक्रमों के बाद राष्ट्रपति मार्कोस बेंगलुरु का भी दौरा करेंगे, जो भारत की तकनीकी और नवाचार की राजधानी मानी जाती है। इससे दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग और स्टार्टअप इनोवेशन को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है।
हम आपको यह भी बता दें कि भारत और फिलीपींस इस सप्ताह दक्षिण चीन सागर में एक संयुक्त गश्ती अभियान भी करेंगे, जो इस बात का संकेत है कि दोनों देश सामुद्रिक क्षेत्र में चीन की दादागिरी को चुनौती देने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं। देखा जाये तो मोदी-मार्कोस की बैठक ऐसे समय में होने वाली है जब भारत और चीन दोनों अपने आपसी रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दक्षिण चीन सागर का मुद्दा इस वार्ता में कितना स्थान पाता है। हम आपको याद दिला दें कि 2023 में भारत ने फिलीपींस के साथ मिलकर चीन से यह आग्रह किया था कि वह 2016 के अंतरराष्ट्रीय पंचाट के निर्णय का पालन करे, जिसने दक्षिण चीन सागर पर चीन के विस्तारवादी दावों को खारिज कर दिया था।
हम आपको बता दें कि भारत न केवल रक्षा उपकरण उपलब्ध करा रहा है, बल्कि फिलीपींस को रक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एक रियायती लाइन ऑफ क्रेडिट देने का भी प्रस्ताव दे रहा है। समुद्री सुरक्षा पर संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यास को भी विस्तार देने की योजना है। इसके साथ ही, भारत और फिलीपींस के बीच व्यापारिक संबंधों को भी मजबूती मिल रही है। हम आपको बता दें कि वर्ष 2022-2023 में द्विपक्षीय व्यापार $3 बिलियन के आंकड़े को पार कर गया। दोनों देशों ने द्विपक्षीय प्राथमिक व्यापार समझौते की बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई है। यह समझौता दोनों देशों को अमेरिका की व्यापार युद्ध नीति से बचा सकता है, जिसने भारत पर 25% और फिलीपींस पर 19% टैरिफ लगाया है।
फिलीपींस के अनुसार, दोनों देशों के नेतृत्व के बीच मंगलवार को होने वाली वार्ता के दौरान विज्ञान, कानून और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों में छह समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसके अलावा, भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत फिलीपींस में कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा और आजीविका सहायता जैसे क्षेत्रों में छह Quick Impact Projects (QIPs) का संचालन कर रहा है। ये परियोजनाएं 2023 में हस्ताक्षरित एक समझौते के अंतर्गत की जा रही हैं।
बहरहाल, भारत और फिलीपींस के संबंध, जो अब तक तुलनात्मक रूप से कम सक्रिय रहे हैं, अब एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ भू-राजनीतिक समरसता, सामुद्रिक सुरक्षा, और रक्षा उपकरणों के माध्यम से परस्पर सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा रहा है। यह सहयोग न केवल इन दोनों लोकतांत्रिक देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए भी एक आवश्यक कदम है।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments