Budget 2025 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पेश किए गए बजट 2025 पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ‘मेक इन इंडिया’ अब ‘फेक इन इंडिया’ बन गया है और इसका नया नाम राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बजट भाषण का हवाला देते हुए दावा किया कि वित्त मंत्री किसानों की मांगों और कृषि पर संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों पर चुप रहे हैं।
जयराम रमेश ने वित्त मंत्री पर साधा निशाना
उन्होंने एक्स पर लिखा है, ‘मेक इन इंडिया, जो फेक इन इंडिया बन गया था, अब इसका नया नाम नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन है।’ वित्त मंत्री ने बजट की शुरुआत कृषि से की, लेकिन किसानों की मांगों और कृषि पर संसदीय समिति की सिफारिशों पर वे पूरी तरह चुप रहे। उन्होंने संसदीय समिति की सिफारिशों का उल्लेख किया, जिसमें कानूनी गारंटी के रूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के कार्यान्वयन, कृषि ऋण माफी, पीएम किसान भुगतान का मुद्रास्फीति सूचकांकीकरण और पीएम फसल बीमा योजना में सुधार की सिफारिश की गई थी।
बजट में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा
वित्त मंत्री ने शनिवार को ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की। यह योजना कम पैदावार, आधुनिक फसल स्थायित्व और औसत से कम ऋण मानक वाले 100 जिलों को कवर करेगी। लगातार आठवां बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना का लाभ 1.7 करोड़ किसानों को मिलेगा।
बिहार को सौगात, आंध्र प्रदेश की उपेक्षा
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि बिहार को तोहफा मिला है, जबकि आंध्र प्रदेश को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।’’ बजट में बिहार पर अधिक ध्यान दिया गया है। राज्य के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, जिनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नगर के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता बढ़ाने की घोषणा शामिल है।
बजट में बिहार को बड़ा खजाना दिया गया है: जयराम रमेश
बजट में की गई घोषणा के अनुसार, केंद्र सरकार बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना करेगी तथा राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए वहां ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार को कोई बड़ा खजाना मिल गया है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि बिहार में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश की इतनी उपेक्षा क्यों की गई?